Parenting Tips : बच्चों के बिना घर सूना-सूना लगता हैं. बच्चों की हर छोटी-बड़ी आदत को लेकर माता-पिता को काफी ध्यान देना होता हैं. जिसमे एक आदत बच्चों के सोने की होती हैं. प्रत्येक बच्चें का एक स्लीप बडी होता हैं. कुछ बच्चें सोने के लिए स्पेशल बेड, तकिया और कंबल या कोई खिलौने की मांग करते हैं.
बच्चें जब छोटे होते हैं तो सभी चीजें अच्छी भी लगती हैं लेकिन बड़े होने पर बच्चों को ये आदते परेशानी का सबब भी बन जाती हैं. इन सब के बीच एक ऐसा सवाल हैं जो लोगों के मन भी बार-बार आता हैं और सवाल ये हैं कि बच्चों को किस उम्र तक साथ सुलाना चाहिए?. आज इस लेख में हम इस सवाल का जवाब देंगे.
बच्चें को किस उम्र तक सुलाना चाहिए? (Parenting Tips)
जब भी बच्चा बहुत छोटा होता है तो उससे अपने माता-पिता से बेहद लगाव होता हैं. यही कारण हैं कि बच्चा अपने माता-पिता के बगल में सोना चाहता हैं. लेकिन जैसे-जैसे वो बड़ा होता हैं तो एक समय ऐसा आ जाता हैं कि जब उसे अकेले सोना पड़ता हैं.
दरअसल कई माता-पिता को ये नहीं पता होगा कि बच्चे को अकेले सुलाने के कई फायदे भी होते हैं. आज इस लेख हम इन्ही कारणों के बारे में जानेगे.
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1) बच्चों को कभी भी अकेले सोने के लिए एकदम से फोर्स नहीं करें. शुरुआत में हफ्ते में एक या दो दिन उसे अकेले सोने को कहें. फिर ये देखें कि इस पर वह कैसे रिएक्ट करता हैं. जैसे-जैसे उसे अकेले सोने की आदत जो जाएगी और भी धीरे-धीरे हफ्ते में अकेले सोने के दिन बढ़ा सकते हैं. फिर एक समय ऐसा आएगा जब बच्चें को भी अकेले सोने का आईडिया अच्छा लगेगा.
2) माता-पिता अपने बच्चों को सपने पहले दांत ब्रश करने, पजामा पहनने, रोशनी कम करने, शुभ रात्रि प्रार्थना करने या मजेदार स्टोरी पढ़ने जैसी अलग-अलग एक्टिविटी कराएं. ऐसी चीज़ें करने से बच्चे को जल्दी सोने में काफी मदद मिल सकती है और ऐसा करने से बच्चों को अकेले में आदत जल्दी हो सकती हैं.
3) अगर बच्चा आप से बेहद करीब हैं, तो उसे कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. कुछ ऐसे भी बच्चे होते हैं जो अक्सर अपने पेरेंट्स की सिर्फ आवाज या कोई स्पेशल शर्ट या कंबल से उन्हें देखकर सुरक्षित महसूस करते हैं. ऐसे में आप कंबल या तकिया बदलकर या अपने बच्चे को सोते समय पकड़ने के लिए अपना पुराना स्वेटर देकर अकेले सोने में मदद कर सकते हैं.
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4) जब भी आपको ऐसा लगे कि आपका बच्चा धीरे-धीरे अकेले सोना सीख रहा है, तो वह कई बार रोता हुआ आपके कमरे में आ सकता है और आपसे अपने कमरे में सोने की बात कह सकता हैं लेकिन ऐसी स्थिति में आपको उसे समझाते हुए उसके कमरें में ले जाना चाहिए. अगर आपको जरुरी लगे तो आपको कुछ देर तक बच्चें के गेट के पास खाना हो जाना चाहिए.
5) जब आपका बच्चन अकेला सोने में सफल हो जाता हैं तो उसे ये बताएं कि उन्हें अपने बच्चें पर गर्व हैं. ऐसा करने से बच्चा प्रेरित होता हैं.
बता इस लेख में लिखी बातें इंटरनेट पर मौजूद जानकारियों पर आधारित हैं. ऐसे में यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है.