Kerosene Oil यानी मिट्टी का तेल जिसका नाम शायद आज की जनरेशन के लोगों ने सुना भी नहीं होगा, क्योंकि अब आपको यही लगता है, कि इसका चलन बंद हो गया है। अब इसका इस्तेमाल कौन करता होगा। अधिकतर लोगों का यही मानना है कि केरोसिन ऑयल अब सिस्टम से बाहर हो चुका है, लेकिन ऐसा नहीं है अब प्रश्न उठता है कि केरोसिन ऑयल का नाम मिट्टी का तेल कैसे पड़ा। लोगों के बीच इस नाम को लेकर तगड़ा कन्फ्यूजन चल रहा है।
केरोसिन ऑयल को क्यों कहते हैं मिट्टी का तेल
जैसा की एक मशहूर नाटककार द्वारा कहा गया है, कि “नाम में क्या रखा है” लेकिन सच्चाई तो यही है कि किसी भी व्यक्ति का नाम ही उसकी असली पहचान होता है, फिर चाहे बात इंसान की हो रही हो, या सामान की। कई बार तो हमारे सामने ऐसे भ्रमित करने वाले नाम आ जाते हैं, जिन्हें लेकर हम खुद ही कंफ्यूजन में पड़ जाते हैं। अब मिट्टी के तेल को ही ले लीजिए आखिर केरोसिन ऑयल का नाम (मिट्टी का तेल) या (घासलेट) कैसे पड़ा, इस बात को लेकर भी लोगों के बीच तगड़ा कन्फ्यूजन बरकरार है।
जी हां लोग सरसों का तेल, नारियल का तेल, जैतून का तेल आदि सभी अपने-अपने यूज के हिसाब से खरीदते हैं,और समझ भी जाते हैं कि आखिर यह तेल सरसों, नारियल और जैतून इत्यादि से बनते हैं, लेकिन जब बात मिट्टी के तेल की हो रही हो तो लोग भ्रमित हो जाते हैं कि आखिर मिट्टी का तेल क्या मिट्टी से बनता है जो इसका नाम मिट्टी का तेल रखा गया। अब ऐसी स्थिति में प्रश्न उठता है कि आखिर मिट्टी का तेल क्या होता है और इसका यह अजीबोगरीब नाम कैसे पड़ गया।
न्यूज़ 18 हिंदी की सीरीज अजब गजब ज्ञान के अंतर्गत हम आपके सामने कुछ ऐसी जानकारियां लाते हैं, जिन्हें सुनकर आप भी आश्चर्यचकित हो उठेंगे। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको ‘मिट्टी के तेल’ के बारे में बताएंगे। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कोरा पर लोगों ने सवाल किया कि केरोसिन ऑयल को मिट्टी का तेल क्यों कहा जाता है। सवाल तो बहुत ही इंटरेस्टेड है जिस पर लोगों की तरफ से काफी इंटरेस्टेड जवाब भी दिए गए, आइए जानते हैं आगे
इन कारणों से पड़ा यह नाम
लोगों के बीच मिट्टी के तेल को लेकर तगड़ा कन्फ्यूजन चल रहा है, कि आखिर केरोसिन ऑयल का नाम मिट्टी का तेल कैसे पड़ गया, जिस पर आर वी पंडित नमक यूजर का कहना है कि केरोसिन ऑयल को भारत में “मिट्टी का तेल” या “घासलेट” कहा जाता है जोकि विदेशी नाम से प्रभावित है। जी हां जब अमेरिका यूरोप के केरोसिन पर जलने वाले “गैस लाइट” भारत आए, तो लोगों ने उस काम में आने वाले तेल का नाम बिगाड़ कर “गैस लाइट” की जगह “घासलेट” कर दिया। बिल्कुल ऐसे ही जब उन्हें इस बात का पता लगा कि केरोसिन तो जमीन से ही निकलता है, तो उसका नाम बिगाड़ कर मिट्टी का तेल कर दिया। जैसे मिट्टी से निकलने वाला तेल यानी मिट्टी का तेल।
“पेट्रोलियम” लैटिन भाषा का शब्द है, जोकि लैटिन में पैट्रा अर्थात चट्टान व ओलियम अर्थात ‘तेल’ जिससे मिलकर एक अंग्रेजी शब्द का निर्माण हुआ जो है ‘रॉक ऑइल’। इसी से मराठी में केरोसिन के लिए एक शब्द “रॉकेल” बन गया। वही नरेंद्र शर्मा नामक यूजर लिखता है कि “केरोसिन ऑयल को ‘मिट्टी का तेल’ इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह धरती की कोख से खनन करके निकला जाता है। भूमि अर्थात मिट्टी और भूमि का गुण है गन्ध जो खनिज तेल में पाए जाते हैं। इन्हें रासायनिक क्रियाओं और आसवन के द्वारा प्राप्त किया जाता है”।
कोरा पर लोगों का आया सही तर्क
हिंदी में तमाम फैक्ट्स उत्पन्न हो ही जाते हैं। जिसके चलते कई वेबसाइट द्वारा केरोसिन का यह नाम पडने पर कई तर्क दिए गए हैं। लोगों ने कोरा पर बताया है डी-सोर्स नामक एक वेबसाइट में बताया गया कि जमीन से निकलने के कारण केरोसिन ऑरल का नाम मिट्टी का तेल पड़ गया।
Read Also :- Tilak Benifits : जानिए माथे पर क्यों लगाते हैं तिलक, तिलक लगाने के पीछे क्या है छुपा रहस्य