Tetrapods Beach : घूमने-फिरने वालें लोगों को समुंद्र के किनारे घूमना काफी पसंद आता हैं. अक्सर कपल्स समुंद्र के किनारे बैठकर रोमांटिक पल बिताते हैं. मुंबई की मरीन ड्राइव भी एक ऐसी ही जगह हैं जहाँ अक्सर लोग आकर बैठते हैं, लोगों का मानना हैं कि इससे उन्हें शांति और सुकून का अनुभव होता हैं. लेकिन क्या आपने कभी सोचा हैं कि मरीन ड्राइव के किनारे मोटे-मोटे पत्थर कहाँ से आए?. क्या ये नेचुरल हैं या इन्हें इंसानों द्वारा लगाया हैं?. आज इस लेख में हम इन्ही सवालों का जवाब जानेगे.
समुंद्र के किनारे पत्थर (Tetrapods Beach )क्यों रखे जाते हैं?
सभी ने ये देखा होगा कि समुन्द्र के किनारे मोटे-मोटे पत्थर रखे जाते हैं. हालाँकि इनका काम क्या हैं. इसके बारे में बेहद कम ही लोग जानते होंगे. दरअसल इन्हे मजबूत और भयंकर लहरों से शहर की रक्षा करने लिए किनारों पर रखा जाता हैं. समुंद्र की तेज लहरें जब तट से टकराती हैं तो काफी दूर-दूर तक कंपन जाती है. यही कारण हैं कि समुंद्र के किनारे पर ये टेट्रापोड डाल दिए गए जाते हैं. ये बेहद ठोस टेट्रापोड कटाव और अन्य परेशानियों से शहर को बचाते हैं.
इन पत्थरों को एक दूसरे से इंटरलॉक करके रखा जाता हैं जिससे हाईटाइट के समय ये लहर के बहाव को कम किया जा सके.
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मरीन ड्राइव का इतिहास
मुंबई में मरीन ड्राइव दुनिया के सबसे खूबसूरत समुंद्र तट में से एक हैं और इसका निर्माण लगभग 1920 में किया गया था. मरीन ड्राइव के शानदार घुमाव पर लगी स्ट्रीट-लाइटें जब रात में जलती हैं तो एक बेहद ही खूबसूरत नजारा देखने को मिलते हैं. यही कारण हैं कि इसे क्वीन्स नैकलेस के नाम से भी जाना जाता है. देशभर से लोग मरीन ड्राइव पर रात में ऊंची इमारतों का खूबसूरत नजारा भी देखते आते हैं.
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