आपको तो पता ही होगा, भारत की सबसे अमीर फैमिली में मुकेश अंबानी का परिवार आता हैं। यह परिवार किसी न किसी कारण हमेशा एक चर्चा का कारण रहा हैं। लोग हमेशा उनकी फैमिली से जुड़ी अपडेट जानने के लिए उत्सुक रहते हैं। आज हम आपको इनके परिवार से जुड़े कुछ दिलचस्प किस्से के बारे में बताने जा रहें हैं। इससे पहले आपको बता दें, यह एशिया का सबसे अमीर परिवार है, और इस परिवार की एक ख़ास बात भी हैं। अपकी जानकारी के लिए बता दें, मुकेश अंबानी और नीता अंबानी अपनी पर्सनल लाइफ और प्रोफेशनल लाइफ को बैलेंस करने के एक परफेक्ट उदाहरण हैं। यहाँ पढ़ें: ईशा अंबानी को गिफ्ट में ससुर से मिला हैं 450 करोड़ का ‘गुलिटा’ हाउस, देखें घर की अनदेखी फोटो
जैसा की हम जानते है, मुकेश अंबानी के तीन बच्चें है, आकाश अंबानी ,ईशा अंबानी और अनंत अंबानी जो अभी अपनी जिंदगी में सेटल हो चूके है, और एक लग्जीरियस लाइफ जी रहे हैं। पर आज यह बच्चे जहां कहीं भी हैं, यह उनके परिवार की मेहनत उनके माता पिता की अच्छी परवरिश का नतीज़ा हैं। अपको बता दें, खुद को एक उद्योगपति बनाने के दौरान मुकेश अंबानी और नीता अंबानी को काफ़ी संघर्ष का सामना करना पड़ा है, तब जा कर वे अपने आप को स्थापित कर पाए हैं।
इस सफर और संघर्ष के समय मुकेश अंबानी काफी बिजी रहते थे, तब भी वे कभी अपने पिता के फर्ज़ से पीछे नहीं हटे। अपको यह बता दें, वह अपनी मीटिंग के दौरान भी अपनी बेटी ईशा अंबानी के स्कूल की पढ़ाई और होमवर्क में मदद किया करते थे। यह खुलाशा ख़ुद नीता अंबानी ने किया है, अपने एक इंटरव्यू में।
चलिए आज हम आपको नीता अंबानी के उस इंटरव्यू के बारे में बताते है, जहां उन्होंने इससे जुड़ी बात कहीं हैं। यह इंटरव्यू वर्ष 2018 में ली गई थीं, ‘इंडिया टुडे कॉन्क्लेव’ के समय, जिसमें उन्होंने कहा कि, ‘उन दोनों के बिजी शेड्यूल होने के बाद भी कैसे वह बच्चों की साथ समय बिताते थे, उन्होंने बताया कितना भी हम बिजी रहते थे, हम में से एक न एक डिनर पर जरूर रहता था।
नीता ने आगे बताया की, ‘कई बार तो हम रिलायंस की बोर्ड मीटिंग दौरान जब कभी ईशा अंबानी पिता मुकेश अंबानी को कॉल कर देती थीं तब भी वह फ़ोन रिसीव करते थे। जब ईशा से मैथ्स नहीं बन रहीं थीं, तब उन्होंने आपने पिता को कॉल कर दिया था। तब मुकेश ने मीटिंग में ही ईशा का सवाल हल कर उसकी मदद की’।
आपको बता दें, नीता अपने बच्चों को स्कूल जाने के समय जेब खर्च के लिए पॉकेट मनी दिया करती थीं। अपको बता दें, एक इंटरव्यू में खुद उन्होंने बताया की वे ईशा, आकाश और अनंत को पांच रुपए ही सिर्फ पॉकेट मनी देती थीं। उन्होंने इसको लेकर आगे कहा की, ‘वो ऐसा इसलिए करती थीं, ताकि उनके बच्चे भी एक सधी हुई जिंदगी जिएं और उन्हें पैसे का महत्व पता हो। ऐसे में चाहे वो किसी भी परिवार से ही क्यों ना ताल्लुक रखते हों, लेकिन उन्हें पैसे की अहमियत पता होनी चाहिए’।
इस पर अनंत ने एक बार अपनी मां से कहा कि, ‘मम्मी आज से मुझे 10 रुपए दिया करो, क्योंकि स्कूल में सब चिढ़ाते है कि, अंबानी है या भिखारी’। यह सुनकर मुकेश और नीता ने भी अपने बच्चों की पॉकेट मनी बढ़ा दी।