भारत देश की भूमि पर हमेशा वीर और महान इंसान इस जन्म लेते हैं। ऐसे ही एक महान बिजनेसमैन के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जिन्होंने कैसे अपनी डूबती हुई कंपनी को अपनी सूझबूझ और मेहनत से करोड़ों रुपए की बना दी। इतना ही नहीं अपनी मेहनत और लगन से उन्होंने पूरे विश्व में भारत देश का नाम रोशन किया।
महान उद्योगपति रतन टाटा का जन्म भारत देश के गुजरात राज्य में सूरत शहर में हुआ। उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को हुआ था। सर रतन टाटा के पिता का नाम नवल टाटा था। आपको बताना चाहेंगे कि जब रतन टाटा सिर्फ 10 साल के थे तो उनके माता और पिता एक दूसरे से अलग हो गए थे। जिसके बाद उनका पालन पोषण उनकी दादी ने किया। रतन टाटा पारसी धर्म से बिलॉन्ग करते हैं।
ररतन टाटा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई कैंपियन स्कूल मुंबई से की जिसके बाद रतन टाटा ने विश्वविद्यालय से बीएससी की। उसके बाद उन्होंने स्ट्रक्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी की। सर 1975 में रतन टाटा ने हावर्ड बिजनेस स्कूल से एडवांस बिजनेस मैनेजमेंट की डिग्री प्राप्त की। बात करें रतन टाटा के परिवार की तो उनकी माता का नाम सोनू काटा और उनके पिता का नाम नवल टाटा था।
रतन टाटा ने अपने करयर की शुरुआत साल 1961 में की शुरुआती सफर में उन्हें युवा होते हुए। थोड़े समय बाद उन्होंने अपनी खुद की कंपनी टाटा ग्रुप को शुरू किया। एक बार टाटा अपनी डूबती हुई टाटा मोटर्स को बेचने के लिए फोर्ड कंपनी के पास गए थे जब वह कंपनी ने कहा यह तुम्हें इस लाइन के बारे में पता ही नहीं है तो तुम इसमें क्यों है और उनका अपमान किया और यह प्रस्ताव रद्द कर दिया था बाद में। सर रतन टाटा ने मेहनत कर कर फोर्ड कंपनी की लैंड रोवर और जैगवार दोनों कार खरीद ली।
सर रतन टाटा की कुल संपत्ति की बात करें तो रतन टाटा भारत के सबसे बड़े उद्योगपतियों में से आते हैं इकोनामिक टाइम क अनुसार उनकी कुल संपत्ति 6748 करोड़ रुपए है। वैसे तो रतन टाटा की संपत्ति बहुत मानी जाती है उनका नाम भारत के बड़े बिजनेस मन में आता है।
सर रतन टाटा अपनी कमाई का अधिकतर हिस्सा कल्याण कार्यों के लिए दान कर देते हैं महान उद्योगपति रतन टाटा जी को भारत सरकार की तरफ से साल 2000 में पद्म भूषण अवार्ड से भी सम्मानित किया गया है।