Life in Plants : जैसे-जैसे विज्ञान के क्षेत्र में विकास होता जा रहा है, वैसे-वैसे प्रकृति से जुड़े कुछ नए रहस्य निकल कर सामने आ रहे हैं, जिन पर शायद यकीन करना भी मुश्किल होगा। सालों पहले जब नोबेल पुरस्कार विजेता और महान वैज्ञानिक जगदीश चंद्र बोस द्वारा पेड़ पौधों में जीवन होने की बात कही गई थी, उस समय यह नई धारा के वैज्ञानिकों के लिए एक अबूझ पहली थी। हालांकि जब इसे वैज्ञानिक ढंग से प्रमाणित किया गया, तो समस्त विज्ञान परंपरा द्वारा इस महान खोज को स्वीकृति प्रदान की गई। जगदीश चंद्र बोस ऐसे पहले वैज्ञानिक थे, जिन्होंने बताया कि पेड़ पौधों में भी जीवन होता है, वह भी अपनी भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं और प्रतिक्रियाएं देते हैं।
इसके साथ-साथ वैज्ञानिक यह बात भी भली-भांति समझते हैं कि पेड़ पौधे अपने आसपास खतरा महसूस होने पर आसपास के पौधों को बता देते हैं, लेकिन अभी तक यह वैज्ञानिकों की समझ से परे है कि पौधे यह सब कुछ कैसे कर लेते हैं। जापान के वैज्ञानिकों द्वारा अपने नए अध्ययन के दौरान इस छुपे रहस्य से पर्दा उठाया गया। सिर्फ इतना ही नहीं बल्कि उन्होंने इस बात को सही साबित करने के लिए इसका वीडियो भी बनाया हुआ है।
किए कुछ खास प्रयोग
नेचर कम्यूनिकेशन्स में प्रकाशित अध्ययन में साइतामा यूनिवर्सिटी के मॉलिक्यूलर बायोलॉजिस्ट यूरी अरातानी और ताकुया युमूरा द्वारा दर्शाया गया कि किस तरह से खतरा महसूस होने पर पेड़ पौधों का बर्ताव चेंज हो जाता है। शोधकर्ताओं द्वारा अरबिडोप्सिस थैलियाना नाम के खरपतवार और टमाटर की पत्तियों पर कुछ कीड़े छोड़े गए। इसके अतिरिक्त आसपास के पौधों पर कुछ अन्य पदार्थों का लगातार छिड़काव किया गया।
बायोसेंसर का उपयोग
अरिडोप्सिस पौधा जेनेटिकली इंजीनियर्ड पौधा है, जिसकी कोशिकाओं में बायोसेंसर होते हैं। यह कैल्शियम आयन मिलने से हरे रंग में चमकने लगते हैं। जब शोधकर्ताओं द्वारा इस पूरी प्रक्रिया का वीडियो बनाया गया, तो उन्होंने देखा कि जिन पौधों पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ था, उनकी पत्तियों में कैल्शियम के संकेत नजर आ रहे हैं।
पौधों की प्रतिक्रिया
चमकीले सेंसर के माध्यम से उन्हें यह एहसास हुआ की विविध प्रकार की कोशिकाएं खतरा महसूस होने पर प्रतिक्रियाएं कर रही हैं। सबसे पहले यह कोशिकाएं पत्तियों के सिरों का खुला हुआ हिस्सा जिसे स्टोमेटा कहा जाता है, बंद करने लगती है। इस तरह से उन्हें यह जानकारी हुई कि आखिर कैसे, कब और कहां पौधे हवा में उत्पन्न हुए चेतावनी संकेत पर प्रतिक्रियाएं करने लगते हैं।
और क्या-क्या करते हैं पौधे
सबसे गौरतलब बात तो यह है कि ऐसी चेतावनी मिलने पर पौधे अपनी सुरक्षा के लिए कुछ खास काम बंद कर सो नहीं जाते, बल्कि कुछ पौधे तो ऐसे होते हैं जो अपने रंग और आकर तक में परिवर्तन कर लेते हैं। इसके अतिरिक्त कुछ पौधे तो ऐसे पदार्थ निकालने लगते हैं, जो उन जानवरों को अपनी तरफ आकर्षित करते हैं जो पौधों पर अटैक करने वाले कीड़ों को खाते हैं।
अब तक इंसान इस तरह के खास संचार नेटवर्क से अनजान थे, लेकिन यह आसपास के पौधों पर आने वाले खतरों के बारे में तुरंत सूचना देने में कारगर साबित होता है। पिछले साल एक अध्ययन के दौरान इजरायली वैज्ञानिकों द्वारा यह साबित किया जा चुका है कि ‘पौधों में आवाज सुनने और महसूस करने की क्षमता होती है”।
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