Railway Track: भारतीय रेलवे नेटवर्क दुनिया का सबसे बड़ा रेल नेटवर्क हैं. दिलचस्प बात ये हैं कि भारयीय रेलवे में जितने लोग काम करते हैं, उतने तो कई देशों की जनसख्या भी नहीं हैं. इसी बीच आज इस लेख में भारतीय रेलवे के बारे में एक बेहद दिलचस्प बात बताने जा रहे हैं.
रेलवे में लगभग सभी ने एक न एक बार सफर जरुर किया होगा. रेलवे सफर के दौरान लोगों को कई अलग-अलग और बेहद ही अजीबोगरीब चीजें दिखती हैं. ऐसी इस चीज की चर्चा आज हम इस में करेंगे. दरअसल सभी ये जानते हैं कि रेलवे ट्रैक पर पड़े नुकीले पत्थर बिछे होते हैं. लेकिन बेहद कम लोगों ये पता होगा कि इन पत्थरों को ट्रैक पर बिछाने की वजह क्या हैं. दरअसल इसके एक या दो नहीं बल्कि तीन कारण हैं.
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पहला कारण
ट्रेन पर तेज गति से चलती हैं तो ये नुकीले पत्थर एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं. इससे ट्रेन का संतुलन बना रहता हैं. कुछ सालों पहले तक रेलवे ट्रैक ने नीचे की पट्टी होती थी जोकि स्लीपर्स लकड़ी की बनी होती थी. लेकिन बारिश के मौसम में पानी में भीगी रहने के कारण ये लकड़ी गल जाती थी. जिससे हादसे होने का डर बना रहता था. ऐसे में ट्रैक को मजबूती देने के लिए पत्थर कंक्रीट की मदद से स्लीपर्स को मजबूती देने का काम किया जाता हैं.
दूसरा कारण
ट्रेन तब तेज गति में दौड़ती हैं तो तेज आवाज़ और कंपन होता हैं. ट्रैक पर पड़े ये पत्थर शोर को कम करते हैं और ये पत्थर कंपन के समय ट्रैक के नीचे की पट्टी यानी स्लीपर्स को फैलने से भी रोकते हैं. ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से ट्रैक पर बिछे पत्थर काफी जरूरी होते हैं.
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तीसरा कारण
इसके आलावा रेलवे ट्रैक पर पेड़-पौधे को उगने से रोकने के लिए भी इन पत्थरों को बिछाया जाता हैं. दरअसल अगर ट्रैक पर पेड़-पौधे होंगे तो इससे ट्रेन की गति पर असर पड़ेगा.