क्रिकेट के खेल में स्टंप्स की अहम भूमिका होती हैं. दरअसल ये कहना भी गलत नहीं हैं कि जिस तरह बिना बैट और बॉल क्रिकेट नहीं खेला जा सकता हैं. उसी प्रकार बिना स्टंप के भी क्रिकेट खेलना संभंव नहीं हैं. मैच के दौरान अक्सर देखने को मिलता है कि खिलाड़ी मैच जीतने एक बाद स्टंप अपने साथ ले जाते हैं. लेकिन कभी आपको सोचा हैं कि आखिर वह ऐसा क्यों करते हैं? जानिए IPL मैच में इस्तेमाल की जाने वाली एक बॉल की कीमत…
आज इस लेख में हम विकेट स्टंप के बारे में कई अनजानी और दिलचस्प बातें बताएंगे.
पहले होती थी दो स्टंप की विकेट
कई क्रिकेट फैन्स को जानकर हैरानी होगी कि शुरूआती दिनों में सिर्फ दो स्टंप की ही विकेट हुआ करती थी लेकिन इस बार एक गेंदबाज की गेंद विकेट के बीच से निकल गई लेकिन बेल्स नहीं गिरी. इसी परेशानी से बचने के लिए तीन स्टंप की विकेट तैयार की गई.
समय के साथ क्रिकेट में कई बदलाव देखने को मिले हैं. ऐसे में अब विकेट के उपर LED लाइट वाली बेल्स का इस्तेमाल किया जाने लगा हैं. ऐसे में जब भी गेंद विकेट से टकराती हैं तो लाइट जलने लगती है और इन LED वाली स्टंप और बेल्स की कीमत 25 से 30 लाख होती हैं. ऐसे में अब खिलाडियों को विकेट साथ ले जाने की अनुमति नहीं दी जाती हैं. मिलिए दुनिया के 8 सबसे फिट क्रिकेटर्स से, जानिए कितना हैं इनका यो-यो टेस्ट स्कोर
खिलाड़ी घर को क्यों ले जाते हैं स्टंप?
मैच के दौरान अकसर देखने को मिलता हैं कि जब भी खिलाडी कोई यादगार मैच या सीरीज जीतते हैं या मैच में कुछ असाधारण प्रदर्शन करते हैं तो याद के तौर पर स्टंप अपने साथ लाते हैं.
मैच के दौरान की इन्हीं यादों को हमेशा के लिए समेट कर अपने पास रखने के लिए ही क्रिकेटर्स स्मृति चिन्ह के रूप में मैच जीतने के बाद स्टंप्स को अपने साथ ले जाते हैं. भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को कई बार स्टंप अपने साथ ले जाते हुए देखा गया हैं.