दुनिया के सबसे महान क्रिकेट कार्निवल इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 15वां संस्करण पिछले सप्ताह शुरू हुआ. मौजूदा सीजन को लेकर प्रशंसक उत्साहित हैं क्योंकि इस बार टूर्नामेंट में दो नई फ्रेंचाइजी शामिल की गयी हैं और टूर्नामेंट में अब कुल 10 टीमें हो गई हैं.UAE के होटल में साक्षी के साथ रोमांस करते दिखे धोनी, फोटो वायरल….
टी20 एक ऐसा फॉर्मेट हैं, जिसमे फैन्स ज्यादा से ज्यादा छक्के-चौके की उम्मीद करते हैं. हालाँकि आईपीएल 2020 के बाद से जब कोरोना महामारी के बीच टूर्नामेंट खेला गया है. तब जब भी बल्लेबाज छक्का लगाता था तो गेंद बदली जाती थी.
IPL 2020 को बंद दरवाजों के पीछे खेला गया था और यह IPL 2021 का पहला भाग भी था जो भारत में खेला गया था, वो भी बिना दर्शकों के खेला गया था. आईपीएल 2021 के यूएई चरण में स्टेडियम में दर्शकों की वापसी हुई और अब इस सत्र में स्टेडियम में 25 प्रतिशत क्षमता के साथ दर्शकों के आने की अनुमति मिली है. अब जब-जब गेंद क्राउड में जाती है तो उसे सैनिटाइज किया जाता है. कभी-कभी गेंद को पूरी तरह से भी बदला जाता है क्योंकि अंपायर कोविड -19 वायरस के साथ कोई जोखिम नहीं लेना चाहते हैं.ये हैं IPL इतिहास के 5 सबसे बड़े मैच विनर… इनके रिकॉर्ड खुद देते हैं गवाही
कोरोना महामारी के बाद एक बात तो साफ़ हो गयी हैं कि अब बीसीसीआई को पहले की अपेक्षा मैच में इस्तेमाल होने वाली पर ज्यादा खर्चा करना पड़ता हैं. यदि आप सोच रहे हैं कि एक सफेद कूकाबुरा गेंद (आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सीमित ओवरों के मैचों में इस्तेमाल की जाने वाली गेंद) की लागत कितनी है, तो इसक जवाब ये हैं कि भारत में एक सफेद कूकाबुरा गेंद की कीमत 12,000 से 15,000 रूपए तक होती है. आप khelmart.com पर 12,336 रुपये में 18 प्रतिशत छूट के बाद गेंद खरीद सकते हैं.
आईपीएल में इतनी बड़ी संख्या में गेंदों का इस्तेमाल करने से बीसीसीआई को काफी खर्चा करना पड़ेगा. लेकिन बीसीसीआई वर्तमान में दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड है और वह खिलाड़ियों की सुरक्षा के साथ को समझौता नहीं करती हैं. बोर्ड ने हाल ही में 2023-27 सर्कल के मीडिया अधिकारों के लिए 33,000 करोड़ रुपये का बेस प्राइस निर्धारित किया है.