मीना कुमारी जी को 60 के दशक की सबसे अदाकारा माना जाता था. अपने 33 साल के करियर में अभिंनेत्री द्वारा 92 से भी ज्यादा फिल्में कीं गई थी, जो न केवल बॉक्स ऑफिस पर बहुत ज्यादा हिट साबित हुई थी बल्कि हिंदी सिनेम में आज भी इन फिल्मों को बहुत ज्यादा याद किया जाता है।
अभिनेत्री मीना कुमारी जी अपने काम को हमेशा से काफी ज्यादा मानती थीं. एक रिपोर्ट के अनुसार यह भी कहा जाता है कि अभिनेत्री को इस बात का एहसास बहुत पहले ही हो चुका था कि उनकी मौत के दिन एक दम नजदीक आ चुके हैं. ऐसे में उन्होंने अपनी बची हुई पूरी जिंदगी को फिल्मों को थेकरने के लिए खूब मेहनत की थी . एक रिपोर्ट्स के अनुसार , उन्होंने अपनी मौत से पहले सभी फिल्मों का काम एक दम आसानी से निपटा लिया था, लेकिन सिर्फ एक ही फिल्म बची थी जिसका काम अधूरा ही रह गया था. इस फिल्म का नाम था दुल्हन. फिल्म में उनके द्वारा एक दुल्हन का ही सीन फिल्माया जाना था. उन दिनों एक्ट्रेस की तबीयत बहुत ज्यादा ठीक नहीं हुआ करती थी. वहीं जब अभिनेत्री मीना कुमारी की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी तो उन्हें एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. ऐसी हालत में उनको सिर्फ इस बात की ही चिंता थी कि कैसे वह अपनी अधूरी फिल्म ‘दुश्मन’ की शूटिंग निपटाएगी.दिलीप साहब से एयरपोर्ट पर मुलाकात के बाद सायरा बानो ने फिल्म जगत को कह दिया था अलविदा
उन्होंने तो यह तक कह दिया था कि वह जैसे ही ठीक होगी तो सबसे पहले ‘दुश्मन’ की शूटिंग पूरा कर देगी, पर मीना कुमारी को आभास हो गया था कि वह अब ठीक नहीं हो पाएंगी और उन्होंने अस्पताल से ही फिल्म को पूरा करने की जिद्द को ठान लिया था. फिल्ममेकर्स जन मीना कुमारी से मिलने पहुंचे तो अभिनेत्री ने कह दिया कि वह दुल्हन वाले सीन को अस्पताल के बेड से ही शूट कर सकती है ताकि इस फिल्म का काम पूरा हो जाए. मेकर्स द्वारा उन्हें ऐसा करने के लिए मना किया गया था लेकिन उनके आगे आखिर कहां किसी की चलने वाली थी.
इसके बाद अस्पताल के बेड पर ही फिल्म के बचे हुए सीन को फिल्माया गया था. कुछ दिन बाद ही मीना कुमारी ने जिंदगी को अलविदा कह दिया था. यह भी माना जाता है कि दुश्मन फिल्म का आखिरी शॉट ही उनकी जिंदगी का आखिरी सीन था. बता दे उन्होंने अपने जीवन ‘बैजू बावरा’, ‘दिल अपना’ ,पाकीजा’, और ‘प्रीत पराई’, ‘मेरे अपने’, ‘बहू बेगम’ जैसी एक से एक कई सारी फिल्मों में काम किया था।