लग्जरी कार, बस और साइकिल से लेकर ट्रक के लगभग सभी गाड़ियों के टायर रबर होते हैं. इस दौरान सभी गाड़ियों में एक कॉमन बात ये होती हैं कि इन सभी गाड़ियों के टायर काले रंग के होते हैं. ऐसे में कई बार लोगों के मन में ये सवाल आता हैं कि आखिर सभी गाड़ियों के टायर काले ही क्यों होते हैं. आज इस लेख में हम इसकी वजह जानेगे.
गाडी के टायर काले क्यों होते हैं?
सोशल मीडिया में ये सवाल अक्सर पूछा जाता हैं लेकिन कोई सही सवाल नहीं मिल पाता हैं. ऐसे में आज इस हम इस सवाल का जवाब लाये हैं. दरअसल कुछ समय पहले किसी ने ये सवाल किया था कि ‘वाहनों के टायर का रंग काला ही क्यों होता हैं?’.
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इस बेहद दिलचस्प सवाल को लेकर कोरा में सवाल किए गए थे. पूजा पंत नाम की यूजर ने इस सवाल का जवाब देते हुए लिखा, ‘रबर का नेचुरल कलर सफेद है, लेकिन फिर भी हम जो काला रंग देखते हैं वह मूल रूप से soot के कारण होता है. ऐसा कहा जाता हैं कि soot सूती धागे के साथ टायर को मज़बूती प्रदान करता हैं जो गर्मी को कम करने और स्थिरता को बढाने में मदद करता हैं. हालांकि वर्तमान में कारों पर काले टायरों का मुख्य कारण, रासायनिक यौगिक ‘कार्बन ब्लैक’ है. इसका इस्तेमाल एक स्थिर रासायन के रूप में किया जाता है, जो टायर को चलाने वाले कंपाउंड को बनाने के लिए अन्य पॉलिमर के साथ मिक्स किया जाता हैं.
एक बार रबड़ से जुड़ने के बाद, कार्बन काले रंग के टायर की मज़बूरी बढाता हैं, जिसे टायर मेकर्स और कार ड्राइवर्स के लिए आकर्षक रूप दिया जाता हैं. एक तरह से कार्बन काले टायर की लाइफ बढाता हैं और टायर के कुछ हिस्सों से गर्मी जनरेट करता हैं. जो विशेष रूप से काफी गर्म हो जाते हैं जैसे कि tread और बेल्ट एरिया. कार्बन टायरों की क्वालिटी को बनाए रखते हैं, उन्हें यूवी लाइट और ओजोन से भी बचाने में मदद करते हैं.
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