हिंदी सिनेमा की सबसे सुपरहिट फिल्मों में से एक ‘धरमवीर’ को रिलीज हुए 44 वर्ष बीत चुके हैं हालाँकि आज भी इस फिल्म की चर्चा की जाती हैं. फिल्म में धर्मेन्द्र और जीनत अमान पर फरमाए गए एक गाने का महिलाओं ने काफी विरोध किया था. आज इस लेख में जानेगे कि आखिर वो कौनसा गाना था, जिसका विरोध हुआ था और इसका कारण क्या था.
फिल्म धरमवीर का जब म्यूजिक रिलीज किया गया तो कुछ ही दिनों में महिलाओं ने इसका खूब विरोध किया था.
फिल्म का फेमस गाना ‘सात अजूबे इस दुनिया में… ‘ इस गाने के एक शब्द पर महिलाओं ने आपत्ति जताई थी और गाना रिलीज होते ही देश में महिला संगठनों ने बवाल मचा दिया था.
गाने के दूसरे अंतरे में गीतकार आनंद बक्शी ने महिलाओं के लिए कुछ ऐसा लिख दिया था जिस से हंगामा खड़ा हो गया था.
गाने का दूसरे अंतरा था ‘ये लड़की है या रेशम की डोर है. कितना गुस्सा है, कितनी मुंह जोर है. ढीला छोड़ न देना हंसके, रखना दोस्त लगामें कसके. मुश्किल से काबू में आए लड़की हो या घोड़ी.’ गाने की लाइन ‘लड़की हो या घोड़ी’ शब्द को लेकर काफी विवाद हुआ था.
गाने में महिला की तुलना घोड़ी से करने के बाद महिला संगठनों ने खूब विरोध किया था. जिसके बाद फिल्म डायरेक्टर मनमोहन देसाई ने गीतकार आनंद बक्शी से कहकर दूसरी लाइन रिकॉर्ड करवाकर गाना फिर से रिलीज किया था.
धरमवीर का ये लोकप्रिय गाना धर्मेन्द्र-जीनत अमान और जितेन्द्र-नीतू सिंह पर फिल्माया था. इस गाने को दिग्गज मोहम्मद रफी और मुकेश ने आवाज दी थी.