‘स्वर कोकिला’, ‘भारत कोकिला’, ‘राष्ट्र की आवाज़’ जैसे नामों से मशहूर लता मंगेशकर अब 92 वर्ष की हो चुकी हैं. उनका जन्म साल 1929 में मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था. आज वह देश की सबसे सम्मनित शख्सियत हैं, यहाँ तक कि उन्हें ‘भारत रत्न’ सम्मान भी दिया जा चुका हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था. जब कुछ लोग उनके दुश्मन बन गए थे.
लता ने एक बाद खुद इंटरव्यू में इस किस्से का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था कि किसी ने उन्हें मारने के लिए उनके खाने में जहर मिला दिया था लेकिन भगवान की इतनी मेहर रही कि वह जहर वाला खाना खाने के बाद भी बच गई.
लता सिर्फ 33 वर्ष की थी जब उनके साथ ये हादसा हुआ था. जहर वाला खाना खाने के बाद लता की हालत काफी बिगड़ गई थी. उनके पेट में काफी दर्द हो रहा था और वह अपने पैरों पर ठीक से खड़ी नहीं हो पा रही थी. डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया जा रहा हैं.
ये घटना साल 1962 की हैं. एक दिलचस्प बात ये हैं कि जिस दिन ये घटना घटी तबी उनका कुक अचानक से भाग गया. वह बिना अपनी सैलरी लिए ही गायब हो गया. लता ने कहा था कि मैं जानती हूं कि मुझे जहर किसने दिया था हालाँकि इसे लेकर मेरे पास कोई सबूत मेरे पास नहीं था. यही कारण हैं कि मैं उस शख़्स पर कोई एक्शन मैं नहीं ले पाई. इस घटना के बाद लता जी की छोटी बहन ऊषा मंगेशकर ने रसोई का काम-काज देखना शुरू कर दिया था.
डॉक्टर के अनुसार लता जी को धीरे-धीरे जहर दिया जा रहा था. यही कारण हैं कि जहर का असर उनके शरीर में काफी दिनों तक रहा था. इस घटना के बाद लता का लगभग 3 महीनों तक इलाज चला था. जिसके बाद वह अपने पैरों पर खड़ी हो पाई थी. इस दौरान मीडिया में ये अफवाह भी उड़ने लगी थी कि जहर से लता की आवाज चली गई हैं. लेकिन उन्होंने जोरदार वापसी की और सभी अटकलों को विराम दे दिया.
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