कहा जाता हैं कि समय बदलने में समय नहीं लगता हैं. आज इस लेख में हम आपको एक ऐसी सच्ची घटना के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसके बारे में पढ़कर आपके आंसू छलक जाएंगे. हम बात कर रहे हैं एक ऐसी लड़की की, जिसने बड़े-बड़े सपने देखे थे लेकिन वह उन्हें पूरा करने में असमर्थ रही. अब इस लड़की की हालत ये हो गई हैं कि वह अब रोड पर कचरा बिनती हुई दिखाई देती हैं.
ये लड़की एक समय आईएएस बनने का सपना देखती थी लेकिन समय ऐसा बदला कि अब वह कचरा बिन रही हैं. अब आप ये सोच रहे होंगे कि उसकी ये हालत हुई कैसे?. हम जिसकी बात कर रहे हैं वह लडकी हैदराबाद की अनीता हैं.
अनीता बचपन से ही सिविल सर्विसेज की परीक्षा पास करना चाहती थी. अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की और एक निजी कंपनी में सहायक मैनेजर की जॉब भी की. अनीता ने दो बार परीक्षा दी लेकिन वह सफल नहीं हो पाई. जिसके बाद अनीता लगातार असफलता मिलने का दवाब नहीं झेल पाई और धीरे-धीरे उनका मानसिक संतुलन बिगड़ने लगा. फिर उनकी ऐसी हालत हो गई कि उसने अपना घर भी छोड़ दिया. कुछ समय बाद सिर्फ अपना घर जी नहीं बल्कि अनीता ने हैदराबाद ही छोड़ दिया. अनीता के घर वालों ने पुलिस में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट भी की लेकिन उनका कुछ पता नहीं चला.
मानसिक संतुलन बिगड़ने के बाद अनीता हैदराबाद से कैसे उत्तरप्रदेश पहुँच गई ये किसी को नहीं पता चला. हालाँकि कुछ सालों बाद उन्हें यूपी में एक कचरे के ढेर के पास देखा गया. वह कचरे के पास खड़ी रोटी खा रही थी. अनिता से पास खड़े एक आदमी से पूछा कि तुम यह क्यों खा रहे हो. इस दौरान अनिता ने हाईफाई अंग्रेजी में उसको जवाब दिया कि तुम्हे क्या मतलब. अनिता को अंग्रेजी को सुनकर शख्स दंग रह गया. जिसके बाद शख्स ने पुलिस को बुलाया. पुलिस भी उसकी बातें सुनकर हैरान हो गई.
पुलिस के एक सीनियर कांस्टेबल ने अनीता को काफी समझाया और नजदीक के एक पागलखाने में उन्हें मानसिक संतुलन सुधार के लिए भर्ती कराया. धीरे-धीरे अनिता का मानसिक संतुलन ठीक और उसने पुलिस को अपने परिवार और सपने के बारे में बताया. जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए.