उन्मुक्त चंद एक बेहद प्रतिभाशाली खिलाडी थे, लेकिन दुख की बात है कि उस प्रतिभा ने उन्हें भारतीय जर्सी पहनने की अनुमति नहीं दी. साल 2012 में चंद अंडर-19 भारतीय टीम के कप्तान थे और उन्होंने भारत को अंडर-19 विश्व कप की जीत भी दिलाई. खिताबी जीत के बाद इस खिलाडी को भारत का भविष्य माना जा रहा था.
हालांकि, उनका राष्ट्रीय टीम के लिए खेलने सपना साकार नहीं हुआ और इसके परिणामस्वरूप, दाएं हाथ के बल्लेबाज ने भारत का प्रतिनिधित्व करने के अपने सपनों को अलविदा कहने का फैसला किया. उन्होंने ट्विटर पर घोषणा की कि भारतीय क्रिकेट में उनकी यात्रा समाप्त हो गई है.
उन्मुक्त चंद ने ट्विटर पर लिखा, “क्रिकेट एक यूनिवर्सल खेल है और हो सकता है कि अर्थ बदल जाएं हालाँकि मकसद हमेशा एक ही रहता है और वह है- टॉप स्तर पर खेलना. साथ ही मेरे सभी समर्थकों और चाहने वालों का धन्यवाद जिन्होंने हमेशा मुझे दिल में जगह दी. आप जैसे हैं उससे लोग प्यार करें इससे अच्छी कोई भावना नहीं होती. मैं खुद को लकी मानता हूं कि मेरे पास साथ लोग हैं. सबका धन्यवाद. अगले अध्याय की तरफ बढ़ते हैं.”
T1- On to the next innings of my life #JaiHind???????? pic.twitter.com/fEEJ9xOdlt
— Unmukt Chand (@UnmuktChand9) August 13, 2021
उन्मुक्त चंद ने यह भी कहा कि अंडर-19 विश्व कप जीतना और इतने सारे लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाना उनके लिए एक स्पेशल एहसास था. 28 वर्षीय क्रिकेटर ने आगे कहा कि वह अधिक मौके की तलाश में किसी दूसरे देश का रुख करेंगे. उन्मुक्त चंद ने डीडीसीए को उनकी प्रतिभा को पहचानने और उन्हें अपने क्रिकेट करियर में इतनी जल्दी मौका देने के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि वह उन यादों को संजोएंगे जो उन्होंने अनुभव की हैं.
चंद ने स्वीकार किया कि उनके करियर के पिछले कुछ वर्ष सुचारू नहीं रहे हैं, और ऐसे अवसर थे जिनसे उन्हें वंचित किया गया था. चंद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को अलविदा कहना चाहते हैं और दुनिया भर में बेहतर अवसरों की तलाश करना चाहते हैं. भारत के लिए मौके न मिलने के कारण अब ये खिलाड़ी यूएसए
का रुख कर सकते हैं.
चंद भले ही भारत के लिए नहीं खेल सके, लेकिन वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का हिस्सा थे. उन्होंने 21 आईपीएल मैच खेले और 15.00 की औसत से 300 रन बनाए. उन्होंने अपने आईपीएल करियर में एक अर्धशतक बनाया.