आपको जानकारी दे दिया जाए कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हो गया है। जनरल रावत और उनकी पत्नी के साथ 14 अन्य लोगों जो कि भारतीय वायुसेना थे सभी जिस हेलीकॉप्टर में मौजूद थे वह हेलीकॉप्टर आज दोपहर तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था और सभी की मृत्यु हो गयी। बिपिन रावत हादसे के बाद मांगा था पानी, प्लेन क्रैश की सच्चाई आई सामने…
सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बारे में
1) सैन्य बल के आपातकालीन चुनौतियों से निपटने के मामले में उन्हें सबसे अच्छा विकल्प माना जाता था।
2) रावत को पिछले तीन दशकों में लंबे समय तक और अशांत क्षेत्रों में काम करने का अनुभव है, उन्होंने भारतीय सेना में महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है।
3) उन्होंने पाकिस्तान के साथ एलओसी, चीन के साथ एलएसी और उत्तर पूर्व में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाली है।
4) उन्हें सैन्य अभियानों के संतुलन से निपटने के लिए बचाव अभियान और नागरिक समाज के साथ संवाद करने के लिए जाना जाता है। बिपिन रावत के निधन पर छलके बॉलीवुड सेलेब्स के आंसू, नम आँखों से दी श्रद्धांजलि…
5) लेफ्टिनेंट जनरल रावत दिसंबर 1978 में सेना में शामिल हुए, उन्हें 11 गोरखा राइफल्स की पांचवीं बटालियन में नियुक्त किया गया था।
6) बात दिया जाए कि 1986 में आपने चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा पर पैदल सेना की बटालियन को भी बखूबी संभाला था ।
7) रावत ने कश्मीर घाटी में पांच सेक्टर राष्ट्रीय राइफल्स और 19 इन्फैंट्री डिवीजन की कमान संभाली है।
8) एक ब्रिगेडियर के रूप में, वह कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन के बहुराष्ट्रीय ब्रिगेड का नेतृत्व भी कर चुके है।
9)जनरल बिपिन रावत प्रतिष्ठित सेंट एडवर्ड स्कूल, शिमला के पूर्व छात्र थे, जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए), खडकवासला से पढाई किये थे और सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त किया। दिसंबर 1978 में उन्हें भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून द्वारा ‘स्वॉर्ड ऑफ ऑनर’ से नवाज़ा जा चुका है।
10)जनरल बिपिन रावत की शादी डॉ मधुलिका रावत से हुई थी, जो आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष थीं और जनरल रावत के लिए एक निरंतर समर्थन साबित हुईं। इनकी दो बेटियां हैं। जनरल रावत के पिता भी भारतीय सेना में एक अधिकारी थे और उन्होंने लेफ्टिनेंट-जनरल के रूप में कार्य किया था।
भारतीय सेना में एक अधिकारी के रूप में एक शानदार करियर के बाद, उन्हें 31 दिसंबर, 2016 को 27 वें सेनाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था। सेनाध्यक्ष नियुक्त होने से पहले, उन्होंने 1 सितंबर से वाइस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ का पद संभाला था।