Toilet Doors : भारत में चल रहे स्वच्छ भारत अभियान की पूरी दुनिया में जमकर तारीफें की जा रही है। अक्सर आपने अपने शहरों के ऑफिस या मॉल में बने पब्लिक टॉयलेट्स को तो देखा ही होगा और उसे यूज भी करते ही होंगे। लेकिन क्या कभी आपने इस बारे में विचार किया है कि इन टॉयलेट्स के दरवाजे नीचे से खुले क्यों होते हैं, जबकि घरों में तो ऐसा नहीं होता है।
टॉयलेट्स के दरवाजे क्यों होते हैं खुले
जी हां सिनेमा हॉल, मॉल और ऑफिस में सफाई तो बहुत अधिक होती रहती है, लेकिन इनके टॉयलेट्स के दरवाजे आधे ऊपर से ही लगाए जाते हैं, ऐसा क्यों। अक्सर जब कभी हम पब्लिक प्लेस के टॉयलेट के दरवाजे देखते हैं, तो मन में यह विचार तो अवश्य आता है, कि आखिर उनके दरवाजे इतने छोटे क्यों हैं। क्या इन दरवाजों पर खिड़की के दरवाजों को लगा दिया गया है, लेकिन ऐसा नहीं है इसके पीछे कई कारण छुपे हुए हैं आइए जानते हैं आगे।
दरवाजे छोटे होने के कई अहम कारण
दरवाजे छोटे होने के कई बड़े कारण हमारे सामने आए जिसमें सबसे पहला कारण तो यह है कि इससे साफ सफाई करने में आसानी होती है। पब्लिक टॉयलेट्स का इस्तेमाल बहुत से लोगों द्वारा किया जाता है, जिसके चलते यह दरवाजे काफी जल्दी गंदे हो जाते हैं, ऐसे में नीचे से खुले दरवाजे की वजह से फ्लोर को पोंछने में आसानी होती है। इसके साथ-साथ और भी कई कारणों से टॉयलेट के दरवाजे छोटे रखे जाते हैं।
गलत लोगों पर लगाम लगाते यह दरवाजे
कई बार कई ऐसे लोग भी होते हैं जो पब्लिक टॉयलेट्स में कुछ अजीब सी हरकतें करने लग जाते हैं। इन्हीं के चलते ऐसे लोगों पर नियंत्रण लगाने के लिए इन दरवाजों को छोटा रखा जाता है, ताकि लोगों को इतनी अधिक प्राइवेसी ना मिल सके कि वह टॉयलेट में जाकर किसी भी तरह की हरकत कर सकें।
बच्चों की सुरक्षा
बच्चों की सुरक्षा को भी ध्यान में रखते हुए इन टॉयलेट्स के दरवाजों को छोटा रखा जाता है, क्योंकि कभी कोई बच्चा खुद को अगर अंदर से लॉक कर लेता है तो उसे बाहर निकालने में आसानी रहती है।
इमरजेंसी में आते हैं काम
अगर किन्हीं कारणों के चलते कोई व्यक्ति बाथरूम के अंदर बेहोश हो जाता है, तो छोटे दरवाजों के कारण उस व्यक्ति को आसानी से बाहर निकाला जा सकता है।
शराब सिगरेट का ना कर सके सेवन
कई बार कई ऐसे लोग भी होते हैं जो पब्लिक टॉयलेट में जाकर शराब सिगरेट का सेवन करने लगते हैं, जिसके चलते दरवाजा छोटा होने के कारण अंदर बैठे लोगों की सभी एक्टिविटी पर नज़रें रखी जा सकती हैं, और लोग इस तरह की हरकतें करने से भी बचते हैं।
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