जाह्नवी कपूर अब बॉलीवुड की फेमस एक्ट्रेस में पूरी तरह शुमार हो चुकी हैं. आज अगर उनकी मम्मी और बॉलीवुड की दिग्गज एक्ट्रेस श्रीदेवी अगर जिंदा होतीं, तो बेटी की कामयाबी देखकर बहुत ही ज्यादा नाज करतीं. हालांकि श्रीदेवी यह नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी कभी एक्ट्रेस बने, बल्कि वह तो अपनी बेटी को लेकर कुछ और ही सपना पाले हुए थे. जल्द ही जाह्नवी भी अपना 25वां बर्थडे सेलिब्रेट करने जा रही हैं तो चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं कि अपनी इस प्यारी सी बेटी को श्रीदेवी आखिर क्या बनाना चाहती थीं.
श्रीदेवी-बोनी की लाडली बेटी है जाह्नवी कपूर
फिल्म इंडस्ट्री के जाने माने फिल्ममेकर बोनी कपूर और श्रीदेवी की गोद में जब जाह्नवी कपूर आईं तो मानों इनके घर में पूरे तरीके से खुशियां बिखर गई थी. अपनी नन्हीं बेटी को लेकर हर माता-पिता की तरह ही इनके भी कुछ खास ही ख्वाब पाल रखे थे. पापा बोनी को यही लगता था कि बेटी जो चाहे वो करे, वह हर कदम पर उसके साथ ही रहेंगे लेकिन श्रीदेवी यह बिल्कुल भी नहीं चाहती थीं कि बेटी इस फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा बनें. जबकि जाह्नवी कपूर ने जब से दुनिया में आंख खोली तो घर में हमेशा फिल्मी माहौल ही पाया था. बड़े होने के साथ जाह्नवी भी एक्ट्रेस बनने का सपना अपने अंदर पालने लग गई थी.अपनी मां के बेहद करीब मानी जाती थीं जानह्वी कपूर.
जाह्नवी को एक डॉक्टर बना हुआ देखना चाहती थीं श्रीदेवी
जाह्नवी कपूर के इस सपने को लेकर बोनी कपूर की तरफ से कभी भी कोई आपत्ति नहीं थी लेकिन मम्मी श्रीदेवी जो खुद इस चमक दमक भरी दुनिया का अटूट हिस्सा थीं, वो बेटी को इससे अलग डॉक्टर ही बनाना चाहती थीं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार श्रीदेवी हमेशा से यह चाहती थीं कि बेटी खूब मन लगाकर अपनी पढ़ाई लिखाई करे और बहुत जल्द डॉक्टर बन जाए.
जाह्नवी की ‘धड़क’ नहीं देख पाईं श्रीदेवी
आज जाह्नवी कपूर द्वारा अपने सपने को पूरा कर लिया गया और आज फिल्म इंडस्ट्री की वह एक जानी-मानी एक्ट्रेस बन चुके हैं. सुपरहिट रोमांटिक मानी जाने वाली फिल्म ‘धड़क’ से डेब्यू करने वाली जाह्नवी कपूर द्वारा ‘गुंजन सक्सेना’, ‘द कारगिल गर्ल’ जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदायगी से बता दिया गया है कि उनकी रगो में एक्टिंग ही बसी हुई है. धर्मा प्रोडक्शन की फिल्म ‘धड़क’ में अपनी बेटी को अभिनय करती हुई देख पातीं इससे पहले ही श्रीदेवी का निधन हो चुका था. अपनी मां के जाने से गमगीन जाह्नवी बहुत ज्यादा दुखी हो गई थीं कि फिल्म रिलीज के बाद उनकी वाहवाही तो खूब हो रही थी लेकिन वो अपनी मां को बहुत ही ज्यादा मिस कर रही थीं.