‘शार्क टैंक इंडिया’ के पहले सीजन को खत्म होने में अब सिर्फ कुछ ही दिन बचे हैं. लेकिन अनुपम मित्तल के लिए इससे मिली सीख काफी गहरी रही है. ‘शार्क टैंक इंडिया’ में मिले अवसरों अपर विचार करते हुए अनुपम ने शो से अपने अनुभव और सीखने का एक बड़ा नोट शेयर करने के लिए लिंक्डइन का सहारा लिया. अनुपम मित्तल बोले बेहद अजीब हैं शार्क टैंक की लोकप्रियता, सुनाया जिम का किस्सा
अनुपम ने कहा, “समय बदल रहा हैं. भारत का उद्यमशीलता का दशक अभी शुरू हुआ है.”
Shaadi.com के फाउंडर का मानना है कि ‘शार्क टैंक इंडिया’ नए उद्यमियों में आग बुझाने में मुख्य स्रोत रहा है. उन्हें इस बात का भी भरोसा है कि यह शो भारत के उद्यमी परिदृश्य को हमेशा के लिए बदल देगा.
उन्होंने लिखा, “भारत में स्टार्ट-अप अभी बहुत अधिक विविध, समावेशी और सेक्सी हो गया है.”
देसी शार्क ने आंकड़ें ब्रेक किये हैं और कहा कि ये आंकड़े बताते हैं कि यह एक लॉन्गटर्म सर्कल की शुरुआत है. इसे एक तरह का रिकॉर्ड बताते हुए उन्होंने कहा कि रियलिटी टीवी शो में 198 निवेश में से 67 बिजनेस को इस सीजन में डील मिली. मित्तल की कैलकुलेशन के अनुसार लगभग 59 कंपनियों (जो शो में 87 प्रतिशत थीं) के फाउंडर थे, जिनके पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान या भारतीय प्रबंधन संस्थान जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थान से डिग्री नहीं थी. अनुपम मित्तल का छलका दर्द, बोले अशनीर ग्रोवर की इस बात से पहुंचा दुःख
इसके आलावा 45 बिजनेसों (67 प्रतिशत) में 25 वर्ष से कम आयु के कम से कम एक को-फाउंडर थे, लगभग 40 कंपनियों (60 प्रतिशत) को पहले कभी कोई धन प्राप्त नहीं हुआ. इस शो में कई महिला को-फाउंडर भी देखी गईं, जिनका आंकड़ा लगभग 29 (43 प्रतिशत) था. मित्तल यह देखकर काफी खुश थे कि 20 कंपनियां (लगभग 30 प्रतिशत) टियर- II और टियर- III शहरों और ग्रामीण भारत से आईं. शो का कहना है कि लगभग 18 व्यवसायों (27 प्रतिशत है) का नेतृत्व उन कपल और परिवारों ने किया जो उनकी कंपनी के को-फाउंडर थे.
अनुपम ने अपने व्यक्तिगत आंकड़े साझा किए जहां उन्होंने 24 विभिन्न बिजनेसों के लिए 5.4 करोड़ रुपये दिए. उन्होंने कहा कि वह हमारे युवा उद्यमियों, महिला उद्यमियों, भारत उद्यमियों और परिवार के उद्यमियों के लिए अवसर पैदा करके काफी खुश हैं. जहां उनका 70 फीसदी निवेश युवा उद्यमियों के नेतृत्व वाली कंपनियों में हुआ है. वहीं 50 फीसदी और 30 फीसदी निवेश महिला उद्यमियों और परिवारों द्वारा स्थापित फर्मों में किया गया है.
पीपल ग्रुप के मालिक ने आगे संकेत दिया कि पीपल इंटरएक्टिव का ‘टुगेदरनेस’ का उद्देश्य उनके निवेश विकल्पों को भी प्रभावित कर रहा है. उन्होंने कहा, “मुझे अतुल्य भारत और हमारे अद्भुत क्रेजी उद्यमियों में योगदान करने पर काफी गर्व है.”