आज हमारा देश स्वतंत्र है, इसके पिछे कई स्वतंत्रता सेनानियों का हाथ हैं। यहीं नही उनके अथक प्रयास के कारण आज हम खुली हवा में सांस ले सक रहे हैं। आपको तो पता ही होगा हमे आजाद हुए कई साल बीत चुके है, और हमारे बिच वे सारे स्वतंत्रता सेनानी तो नही है, पर उनके वंशज जरूर हैं। आज हम उन्हीं में से एक स्वतंत्रता सेनानी के बारे में बताने जा रहे है, उनका नाम है जनरल शाहनवाज़ खान। इनका नाम हमने अक्सर सुना होगा, आपकी जानकारी के लिए बता दें, वे शाहरुख खान के नाना थे, और पहली बार इन्ही ने लाल किला पर तिरंगा झंडा फहराया था।
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री इन तीनों का नाम बहुत आदर से लेते है
15 अगस्त के दिन प्रधानमंत्री के द्वारा तिरंगा झंडा फहराए जाने के समय तीन स्वतंत्रता सेनानियों का नाम बहुत आदर से लिया जाता है, उन्हीं में से एक नाम है है शाहनवाज खान का, वे आजाद भारत फौज के मेजर और सैनिक थे, यही नही नेताजी सुभाष चंद्र बोस के काफी करीबि। आजादी के समय में इनका विशेष योगदान रहा है, इन्ही ने हिंदुस्तान की आजादी के बाद ब्रिटिश के झंडे को उतारकर हमारे तिरंगे को लाल किले पर शान से फहराया था।
आपकी बता दें, इनका जन्म 24 जनवरी 1914 को हुआ था, इनके तीन बेटे और तीन बेटियां है, जिसमें से एक लतीफ फातिमा है, जिनको उन्होंने गोद लिया था। आपकी जानकारी के लिए बता दें, लतीफ फातिमा मशहूर अभिनेता शाहरुख खान की मां हैं। खबरों के अनुसार शाहनवाज खान के पोते आदिल शाहनवाज उनके नाम से फाउंडेशन खोले हुए हैं। कर्नल प्रेमचंद, कर्नल गुरुबख्शक की तरह जनरल शाहनवाज खान के भी नाम से डाक विभाग ने डाक टिकट जारी किया गया हैं।
शाहनवाज खान ने अपना योगदान कांग्रेस पार्टी को भी दिया है, उन्होंने मेरठ से 1952, 1957, 1962 और 1971 में लोकसभा चुनाव जीते, यही नही 23 सालों तक केंद्र सरकार में मंत्री बने रहे।इसके अलावा 1952 में डिप्टी रेलवे मिनिस्टर और 1957 से 1964 पार्लियामेंट्री सेक्रेटरी, कृषि मंत्री भी बने। 1966 में पुनर्वास मंत्रालय,1971-1975 तक पेट्रोलियम, रसायन और कृषि सिंचाई मंत्रालय और 1977 तक केंद्रीय कृषि मंत्री के चेयरमैन की ज़िम्मेदारी अपने कंधे पर रखा। आपकी जानकारी के लिए बता दे, इन्होंने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मृत्यु के बाद उनके द्वारा बनाए गए कमीशन की जिम्मेदारी भी इन्ही के कंधे पर थी।