Newspaper House : दुनिया में बहुत से ऐसे लोग मौजूद हैं जो अपनी बेहतर क्रिएटिविटी के लिए जाने जाते हैं। जी हां हम अक्सर कुछ चीजों को बेकार समझकर फेंक देते हैं, लेकिन हो सकता है कि हम जिन चीजों को बेकार समझ कर फेंक देते हैं, उन्हीं बेकार चीजों का इस्तेमाल कर कोई दूसरा शख्स उससे किसी ऐसी चीज का निर्माण कर दे, जिसके बारे में आपने कभी सोचा भी ना हो। क्योंकि इस तरह की सोच हमारी रचनात्मकता से जुड़ी होती है। उदाहरण के रूप में आप पुराने अखबार ही ले लीजिए, अख्बार तो लगभग अधिकतर घरों में होते ही हैं, जिन्हें पढ़े जाने के बाद एक कोने में इकट्ठा कर दिया जाता है। कुछ समय बाद इन्हीं अखबारों को हम रद्दी में बेच देते है, या फिर कई लोग इन अखबारों को अलमारी में बिछाने या किन्हीं छोटे-मोटे कामों में प्रयोग कर लेते हैं। लेकिन आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको अखबार से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे, जिन्हें जानकर आप आश्चर्यचकित हो उठेंगे। जी हां इन्हीं पुराने अखबारों का इस्तेमाल कर एक शख्स ने पूरा घर बना दिया और घर भी ऐसा की 100 सालों के बाद भी वह आज भी वैसे का वैसा बना हुआ है, और लोग इस घर को पैसे देकर देखने आते हैं।
अखबार से बना दिया पूरा घर
इस घर का निर्माण एक अमेरिकी इंजीनियर ने किया था। जी हां अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में मौजूद इस घर को यहां रहने वाले मैकेनिकल इंजीनियर एलिस स्टेनमैन (Elis Stenman) द्वारा 1922 में अपनी बेहतर क्रिएटिविटी का इस्तेमाल कर बनाया गया था। पहले यह घर एक प्रयोग के तौर पर बनाया गया था, क्योंकि वह देखना चाहते थे कि क्या बेकार अखबार से कोई चीज बनाई जा सकती है और अगर बनाई जा सकती है तो वह कितने दिनों के लिए टिकाऊ होगी। बिजली और पानी के साथ यह घर कितने दिनों तक टिकाऊ रहेगा। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए उन्होंने इस घर को प्रयोग के तौर पर बनाया था। उनके प्रयोग का बेहतर परिणाम सामने आया, क्योंकि आज 100 सालों बाद भी अखबार से बनाया गया उनका यह घर ज्यों का त्यों खड़ा हुआ है।
दीवार से फर्नीचर तक सिर्फ अखबार का इस्तेमाल
विकिपीडिया के अनुसार एलिस स्टेनमैन ने अपने इस घर के निर्माण में कुल 100000 पुराने अखबारों को वार्निश करके इस्तेमाल किया है। इस घर की छतें, दीवारें और फ्रेम तक अखबार से बनाए गए हैं। घर की दीवारें आधा-आधा इंच मोटी है। इसके बाद घर के फर्नीचरों को भी अखबारों को रोल करके वार्निश लगाकर बनाया गया है। इसके अतिरिक्त इस घर की कुर्सियां, घड़ी, अलमारियां, मेजें और लैंप तक अखबार से ही बनाए गए हैं् इस घर का इंटीरियर भी 1942 में पूरा हो गया था। आज भी अप्रैल से अक्टूबर तक यह पेपर हाउस खुला रहता है और लोग यहां आकर अखबार से बने इस घर का आनंद उठा सकते हैं।
Read Also :- Bollywood : लहंगा चोली में नजर आ रही यह बच्ची आज बन चुकी है बॉलीवुड का बड़ा नाम, पहचाना क्या