प्रसिद्ध बॉलीवुड कोरियोग्राफर सरोज खान को बॉलीवुड का सबसे प्रसिद्ध कोरियोग्राफर माना जाता था। उनका निधन पिछले वर्ष 2020 में 3 जुलाई, दिन शुक्रवार को निधन हो गया था। निधन के समय उनकी उम्र 71 वर्ष की थी। वह भारतीय फिल्म जगत से तीन बार की राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता रह चुकी थी , उन्होंने हिंदी सिनेमा के काफी बेहतरीन गीतों को कोरियोग्राफ किया था।
सरोज खान ने लगभग सौ से ज्यादा गानों को कोरियोग्राफ किया था। बहुत ही कम ही लोगों को पता है कि सरोज खान का सही नाम “निर्मला नागपाल” था। सरोज के पिता किशनचंद सद्धू सिंह थे और मां नोनी सद्धू सिंह थी। भारत पाकिस्तान विभाजन के बाद सरोज जी का पूरा परिवार पाकिस्तान से भारत कूच कर गया था। सरोज ने मात्रा तीन साल की उम्र में चाइल्ड आर्टिस्ट के तौर पर फिल्मों में काम करना आरम्भ किया था। उनकी पहली फिल्म नजराना थी जिसमें उन्होंने श्यामा नाम की बच्ची का किरदार निभाया था
50 के दशक में सरोज जी ने अपने करियर में बैकग्राउंड डांसर के रूप में काम करना शुरू कर दिया था। कोरियोग्राफर बी.सोहनलाल के साथ वह ट्रेनिंग लिया करती थी। साल 1974 में रिलीज हुई फिल्म “गीता मेरा नाम” से सरोज खान ने अपनी एक स्वतंत्र कोरियोग्राफर के तौर पर पहचान बनाई। सरोज खान ने अपने करियर में मिस्टर इंडिया, नगीना, चांदनी, तेजाब, थानेदार और बेटा जैसी फिल्मों को कोरियोग्रफ किया है।
सरोज खान को हिंदी सिनेमा में उनके डांस में योगदान के लिए हमेशा जाना जाएगा। अपने फिल्मी करियर में फिल्म निर्माता गौरी खान के साथ भी काम कर चुकी ।
90 की दशक तक वह सबसे अमीर कोरियोग्राफर में से मानी जाने लगी थी। उनको नाम सबसे लोकप्रिय डांसर की सूची में भी शामिल चुका है। उन्होंने अंतिम बार “तबाह होगयी” गाने के लिए अपनी कोरियोग्राफ स्किल का इस्तेमाल किया था।
तमाम न्यूज़ एजेंसियां जैसे कि आईएमडीबी,विकिपीडिया, फोर्ब्स के अनुसार वह $ 1-5 मिलियन की कुल संपत्ति की मालिक थी।