मनोज तिवारी(Manoj Tiwary) ने क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया हैं हालाँकि इस दौरान उन्होंने टीम इंडिया के पूर्व कप्तान एमएस धोनी से सवाल किया हैं कि साल 2011 में उन्हें वनडे शतक लगाने के बाद भी टीम की प्लेइंग इलेवन से क्यों बाहर किया गया था.
38 साल के तिवारी ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में खेले 148 मैचों में 47+ की औसत से 10195 रन बनाए, जिसमे 30 शतक शामिल रहे. इसके आलावा उन्होंने लिस्ट ए क्रिकेट में भी 42 की दमदार औसत और 6 शतकों की मदद से 5581 रन बनाए. दाए हाथ के बल्लेबाज ने 2008 से 2015 के बीच भारत के लिए 12 वनडे और 3 टी20I मुकाबले भी खेले थे.
वनडे शतक लगाने के बाद भी हुए प्लेइंग इलेवन से बाहर हुए Manoj Tiwary
मनोज तिवारी ने 11 दिसम्बर 2011 को चेन्नई के मैदान पर वेस्टइंडीज के खिलाफ शानदार 104 रनों की पारी खेली और मैन ऑफ द मैच अवार्ड जीता था हालाँकि फिर उन्हें 7 महीनों तक टीम से बाहर रहना पड़ा और जब वापसी हुई तो उन्होंने श्रीलंका के खिलाफ एक अर्द्धशतक भी लगाया लेकिन फिर दोबार उन्हें टीम से बाहर कर दिया था.
दो साल के लंबे इंतजार के बाद उन्हें फिर से प्लेइंग इलेवन में चुना गया था लेकिन उनका प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा और और टीम से बाहर हो गए. जिसके बाद वह वनडे में दोबारा कभी वापसी नहीं कर पाए.
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Manoj Tiwary ने एमएस धोनी से पूछा तीखा सवाल
क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास के बाद मनोज तिवारी ने News18 से बात करते हुए खुलकर बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि उनमे रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसी क्षमताएं हैं, इन दोनों को एमएस धोनी से महत्वपूर्ण समर्थन मिला था.
मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैं धोनी से पूछना चाहूंगा कि 2011 में शतक बनाने के बाद मुझे प्लेइंग इलेवन से बाहर क्यों कर दिया गया?’.
आगे मनोज ने कहा, ‘मुझमें रोहित शर्मा, विराट कोहली की तरह हीरो बनने की क्षमता थी, लेकिन मैं नहीं बन सका. आज, जब मैं कई लोगों को टीवी पर अधिक मौके मिलते देखता हूं, तो मुझे काफी दुख होता है.’