फिल्म 3 इडियट्स को आखिर कौन नही जानता है। ये एक ऐसी फिल्म है जो शायद सबने देखी होगी। करीब एक दशक पहले राजकुमार हिरानी की निर्देशन में बनी हुई फिल्म 3 इडियट्स अपने समय की सबसे बड़ी हिट रही थी। इसमें कलाकारों की जबरदस्त एक्टिंग ने लोगों के दिलों को जीत लिया था। इस फिल्म ने करीब 400 करोड़ का बॉक्स ऑफिस पर मुनाफा कमाया।
आनंद महिंद्रा कॉरपोरेट जगत में एक बहुत ही नामी नाम है। अपनी इनोवेटिव और सबसे अलग सोच का झंडा फहराने वाले आनंद महिंद्रा हाल ही में फुंसुक वांगड़ु से मुलाकात हुई है और इसकी तस्वीरें उन्होंने सोशल मीडिया पर शेयर भी की है।
महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया फुनसुक वांगड़ु के साथ तस्वीर
आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। आनंद महिंद्रा अकसर इनोवेटिव आइडियाज के वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते है। आनंद महिंद्रा सोशल मीडिया के माध्यम से आए दिन कई सारे जरूरतमंदों की मदद करके खबरों में बने रहते हैं। इस बार आनंद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर की जिसमे वो असल जीवन के फुंसुक वांगड़ु यानी सोनम वांगचुक व उनकी पत्नी गीतांजलि के साथ नजर आ रहे है। 3 इडियट्स में राजू रस्तोगी की मां बनीं अमरदीप की रियल बेटी के सामने करीना हैं फेल
फुंसुक वांगड़ु से की यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट पर चर्चा
आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते कैप्शन में लिखा है की ब्रिलिएंट सोनम वांगचुक और बराबर ब्रिलिएंट उनकी पार्टनर गीतांजलि से मिलना क्या शानदार अनुभव रहा है। आनंद ने दोनों के साथ उनके यूनिवर्सिटी प्रोजेक्ट पर चर्चा की। 3 इडियट्स सिनेमा का कैरेक्टर फुंसुक वांगड़ु सोनम से इंस्पायर्ड थे, हालांकि वह कैरेक्टर बेहद ही मुश्किल से सोनम के साथ न्याय कर पाए। वह सही मायने में एक इनोवेटर हैं और देश की संपत्ति भी हैं। 13 साल में इतने बदल गए हैं 3 इडियट्स के चतुर रामालिंगम… देखें लेटेस्ट फोटो
रियल लाइफ में वांगड़ु कई सारी इच्छाएं छू चुके है
सोनम वांगचुक को 3 इडियट्स फिल्म में काफी क्रिएटिव और इनोवेटिव दिखाया गया है, लेकिन वह उससे कहीं ज्यादा ऊपर की चीज हैं। कुछ साल पहले वांगचुक ने आइस स्तूपा नाम से आर्टिफिशियल ग्लेशियर को तैयार किया था, जो वास्तव में सर्दियों की बर्फ को जमाकर गर्मियों के लिए पानी स्टोर करने का काम करता है। वांगचुक ने 1988 में ही कुछ छात्रों के साथ मिलकर Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh (SECMOL) की स्थापना की थी। यहां के कैम्पस में खाना बनाने से लेकर रौशनी करने और गर्मी पैदा करने के लिए सिर्फ सोलर एनर्जी का ही इस्तेमाल होता है।