‘695’ : अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का समय दिन पर दिन निकट आ रहा है और बस अब से सिर्फ दो दिन बाद इंतजार की यह घड़ियां खत्म हो जाएगी। जी हां 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी। भारत के साथ-साथ देश-विदेश में रह रहे सनातन धर्म के लोगों को भी इस दिन का बेसब्री से इंतजार हैं। इसी बीच बड़े पर्दे पर राम मंदिर के संघर्ष को दिखाने वाली फिल्म ‘695’ भी रिलीज हो गई लेकिन इस फिल्म को दर्शकों का वह प्यार नहीं मिल सका जिसकी उसे उम्मीदें थी। 19 जनवरी को यह फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज तो हो गई लेकिन सिनेमा हॉल खाली पड़े हैं। जी हां राम मंदिर के संघर्ष पर बनी फिल्म ‘695’ को दर्शकों का इंतजार है, इस फिल्म को दर्शकों का बहुत अधिक प्यार नहीं मिल रहा है।
इस फिल्म की कितनी हो सकती है कमाई
रिलीज के पहले दिन ही इस फिल्म को दर्शकों का अधिक रिस्पांस नहीं मिल रहा है। बॉक्स ऑफिस कलेक्शन के आंकड़े रखने वाली वेबसाइट Sacnilk.com के अनुसार पहले दिन लगभग यह फिल्म 20 लाख की कमाई कर सकती है। अभी यह फाइनल आंकड़े नहीं है, लेकिन फिल्म की धीमी रफ्तार को देखते हुए प्रोड्यूसर इस फिल्म को लेकर काफी चिंतित है।
800 सिनेमाघर में हुई रिलीज
देश भर के लगभग 800 सिनेमा घरों में रिलीज हुई इस फिल्म में राम मंदिर के संघर्ष की कहानी दिखाई गई है। लेकिन इस फिल्म को दर्शकों का अधिक रिस्पांस नहीं मिल सका और अधिकतर सिनेमा हॉल खाली पड़े रहे। भाजपा नेता अमित चिमनानी इस फिल्म के को प्रोड्यूसर हैं।
टीवी के ‘राम’ ने निभाई अहम भूमिका
रामानंद सागर के ‘रामायण’ सीरियल में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल ने इस फिल्म में अहम किरदार निभाया है। उनके साथ-साथ बॉलीवुड के और भी कई बड़े कलाकार इस फिल्म में नजर आए। इस फिल्म के को प्रोड्यूसर अमित चिमनानी ने बताया कि राम मंदिर के निर्माण से पहले उसे किन-किन संघर्षों से गुजरना पड़ा और किस शख्स ने राम मंदिर निर्माण में अहम योगदान निभाया, इसके साथ-साथ राम मंदिर के पीछे का इतिहास क्या है। इन सबकी विस्तृत जानकारी लोगों तक इसी फिल्म के माध्यम से पहुंचाई गई है।
‘695’ का क्या है अर्थ?
इस फिल्म का नाम ‘695’ क्यों है इसके पीछे भी एक अर्थ छुपा हुआ है जी हां इस फिल्म का नाम ‘6..9..5’ रखा गया जिसमें 6 का अर्थ है 6 दिसंबर, 6 दिसंबर 1992 को विवादित ढांचे को गिराया गया था। वही 9 का अर्थ है 9 नवंबर, जिसका मतलब है 9 नवंबर साल 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस विवादित मामले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया गया था। फिर है 5 यानी 5 अगस्त, 5 अगस्त साल 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राम मंदिर का भूमि पूजन किया गया था।
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