करीब 5 साल पहले दुनियाभर में तहलका मचाने वाले पनामा पेपर्स लीक ने एक बार फिर से सुर्खियों में आ गया है। इस बार ऐश्वर्या राय बच्चन के वजह से यह मामला चर्चा में आ चुका है। पनामा पेपर्स लीक से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ऐश्वर्या राय से साढ़े 5 घंटे पूछताछ की गई थी।
क्या है पनामा पेपर्स लीक?
आपको बता दिया जाए उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका के मध्य में एक देश मौजूद है जिसका नाम है पनामा। इसी देश की एक कंपनी का नाम मोसेक फोंसेका। इस कंपनी की स्थापना 1977 में की गई थी। इससे दुनियाभर में 2 लाख कंपनियां जुड़ चुकी हैं जो इसके लिए एजेंट के रूप में काम किया करती हैं। मोसेक फोंसेका के ही करोड़ों दस्तावेज अब लीक हो चुके हैं। जिन्हें पनामा पेपर्स लीक के नाम से भी जाना जाता हैं।
ये दस्तावेज जर्मन अखबार सुद्देत्शे ज़ितुंग के पास आए थे। इसने ये दस्तावेज इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट को दे दिया था। इसके बाद दुनियाभर के 78 देशों के 107 मीडिया संस्थानों के 400 से ज्यादा पत्रकारों ने मिलकर इन दस्तावेज की छानबीन की।
आईसीआईजे ने 1977 से 2015 तक करीब 40 सालों के दस्तावेजों की छानबीन करते रहे और सवा 2 लाख से ऑफशोर कंपनियों की जानकारी हासिल की। इसके बाद 2016 की शुरुआत मेंआईसीआईजे ने बताया कि दुनिया के 193 देशों के राजनेता, बिजनेसमैन और सेलेब्रिटीज के नाम भी इस लिस्ट में शामिल हैं। आरोप लगा कि इन लोगों ने मोसेका फोंसेका की मदद से मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी की है
पनामा पेपर्स लीक की लिस्ट में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन , चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और मिस्त्र के पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद के साथ दुनिया के 140 ताकतवर राजनेताओं के नाम भी इस सूची में मौजूद हैं।
आपको बता दिया जाए कि इस लिस्ट में तकरीबन 500 भारतीयों के नाम भी मौजूद हैं। इनमें अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलएफ के केपी सिंह, इंडिया बुल्स के समीर गहलोत, अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी के भाई विनोद अडानी जैसे नाम मौजूद थे। आपको बता दे इस वजह से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को तो कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी।
बच्चन परिवार का नाम क्यों आया?
खुलासे के मुताबिक बताया जाता है कि अभिनेत्री ऐश्वर्या राय, उनके पिता कृष्णाराज राय, मां वृंदा राज राय और भाई आदित्य राय साल मई 2005 में ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में एमिक पार्टनर्स लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर बने थे। फिर अभिनेत्री को कंपनी के बोर्ड ने जून 2005 में सिर्फ शेयरहोल्डर बनाया गया था। फिर जुलाई 2005 में शेयरहोल्डर ऐश्वर्या राय के नाम को सिर्फ A राय दिखाया गया था।
कागजातों में कंपनी के बंद होने की तारीखों पर भी सवाल उठाया गया था। रजिस्ट्री के खत्म होने की तारीख अप्रैल 2009 में हुई थी। वहीं दूसरे कागजातों में यह अप्रैल 2016 दिखाई गई थी। खुलासे के वक्त ऐश्वर्या की मीडिया सलाहकार अर्चना सदानंद ने सामने आई सारी जानकारी को गलत और झूठ बताया था।
पनामा पेपर्स लीक में नाम सामने आने के बाद प्रवर्तन निदेशालय ने 2016-17 में बच्चन परिवार के जाँच पर्ताल कर रहे हैं। उस समय बच्चन परिवार की ओर से बहुतद से दस्तावेज भी बनवाये गए थे। न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि ऑफशोर कंपनी से जुड़े होने के मामले में अभिषेक बच्चन से भी ईडी ने कुछ घंटो की पुछताछ की थी।
सरकार ने क्या किया?
न्यूज एजेंसी के मुताबिक बताया जा रहा है कि पनामा पेपर्स के साथ कई बड़े खुलासों के सामने आने के बाद सरकार ने इनकी जांच के लिए केंद्रीय एजेंसियों का ग्रुप बनाकर जांचपर्ताल करवा रहे हैं। इसमें सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेस, प्रवर्तन निदेशालय, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट के अधिकारी भी मौजूद हैं। इस ग्रुप ने भारत से जुड़ी 930 कंपनियों के 20 हजार 353 करोड़ रुपये का खुलासा किया गया है।