द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति का चुनाव जीत लिया हैं. दरअसल वह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति बन गई हैं. जीत के बाद उनके गाँव में दिवाली जैसा माहौल बन गया हैं और आदिवासी समाज ने ख़ुशी कि लहर दौड़ गई हैं. इसी बीच मुर्मू के भाई ने बहन की जीत पर ख़ुशी जाहिर कि हैं.
मुर्मू के भाई तारिनिसेन टुटु ने इस जीत को प्रेरणादायक बताते हुए कहा, कि “द्रौपदी मुर्मू का देश का राष्ट्रपति बनना सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है.” जानिए कितनी होगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की सैलरी और पेंशन, सफर के लिए होगी ये खास कार
मुर्मू की जीत के बाद टुटु ने बहन के संघर्ष के दिनों को याद किया और बताया, कि “मुझे बेहद खुशी है कि मेरी बहन जोकि एक आदिवासी महिला हैं उसने राष्ट्रपति पद का चुनाव जीत लिया है. द्रौपदी ने अपने बचपन के दिनों में खूब संघर्ष किया है और अब उनकी ये जीत सभी के लिए प्ररेणादायक है.” इंटरव्यू के दौरान टुटु ने ये भी बताया कि शनिवार को वह अपने बहन से मिलने जाएंगे.
यशवंत सिंहा को हराया
बता दे गुरुवार(21 जुलाई) को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटों की गिनती की गई हैं. जिस दौरान एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने तीसरे राउंड की गिनती में ही चुनाव जीत लिया था. दरअसल मुर्मू ने तीसरे राउंड की काउंटिंग में ही राष्ट्रपति बनने के लिए जरुरी 50 फीसदी वोट अपने नाम कर लिए थे. राष्ट्रपति चुनाव के दौरान द्रौपदी को कुल 2824 वोट मिले. जिनकी वैल्यू 6,76,803 थी. विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को सिर्फ 1,877 वोट मिले. जिनकी वैल्यू सिर्फ 3,80,177 थी. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू 21 जुलाई को चुनाव जीतकर सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति बन गई हैं. एक दिलचस्प बात ये भी हैं कि मुर्मू देश की पहली ऐसी राष्ट्रपति होगी. जिसका जन्म देश आजाद होने के बाद हुआ हैं.