कहा जाता हैं समय बदलने में समय नहीं लगता हैं. आज इस लेख में हम एक ऐसे शख्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो पहले अखबार बेचा करता था लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और लगन ने उन्हें देश का राष्ट्रपति बना दिया. हम जिसकी बात करे करे हैं वो और कोई नहीं बल्कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति और दिवंगत शख्सियत एपीजे अब्दुल कलाम हैं.
माना जाता हैं कि अब्दुल कलाम के कारण ही देश में विज्ञापन के क्षेत्र में काफी बड़ा बदलाव आया. बताया जाता हैं कि ये दिग्गज एक समय अपने पिता के साथ अखबार बेचा करते थे. लेकिन उनकी किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. कलाम के निधन को अब काफी वर्ष बीत चुके हैं लेकिन उन्होंने देश के लिए जो किया हैं उसे कभी भी भुलाया नहीं जा सकता हैं. उन्हें आज भी देश के लोग मिसाइल मैन के नाम से जानते हैं और उन्होंने देश को 5 मिसाइल भी दी हैं.
साल 2000 में अटल बिहारी वाजपई जी की सरकार में हाइड्रोजन बम का सफल परीक्षण करके भारत का नाम पूरी दुनिया मे रोशन किया था. जिसके बाद ही उन्हें देश के लोग मिसाइल मैन के नाम से जानने लगे थे. अब्दुल कलाम देश के अकेले ऐसे राष्ट्रपति हैं जिन्हें बिना चुनाव के राष्ट्रपति घोषित किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो जब लोकसभा में इस बात पर चर्चा हुई कि भारत के राष्ट्रपति अब्दुल कलाम को होना चाहिए तो विपक्ष ने भी किसी असहमति के प्रस्ताव स्वीकार कर लिया था और भारतीय इतिहास में ये पहली बार देखने को मिला जब बिना चुनाव के किसी को देश का महामहीम बनाया गया.
बताया जाता हैं कि डॉक्टर कलाम के पास कोई भी संपत्ति नहीं थी. उनकी संपत्ति में 2500 किताबें, एक रिस्टवॉच, छह शर्ट, चार पायजामा, तीन सूट और मोजे की कुछ जोड़ियां थी. सबसे हैरान करने देने वाली बात ये थी कि भारत के पूर्व महामहीम के पास फ्रीज तक नहीं था. इसके आलावा उनके पास टीवी, कार और एयर कंडीशनर भी नहीं था.
कलाम की कमाई का मुख्य स्रोत रॉयल्टी थी जो उनकी लिखी 4 किताबों से उन्हें मिलती थी. इसके अलावा उन्हें पेंशन भी मिलती थी, जिसे वो अक्सर अपने गांव की पंचायत को दान कर दिया करते थे.