भारत में वृक्षों की पूजा सदियों से होती चली आ रही है। लोग वृक्षों को देवता के समान मानते हैं। उसे पूजते हैं। मान्यताओं के अनुसार सदियों से भारत में वृक्ष की पूजा की जाती है। यह हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होते हैं। विशाल का वृक्ष हजारों वर्षों से अपना आशीर्वाद देते हैं। मान्यताओं के अनुसार वृक्ष के नीचे पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही चमत्कारिक वृक्ष के बारे में बताएंगे जो कि यूपी मे है।जो हजारों साल पुराना है और मान्यता है कि यहां पूजा करने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
दर्शन को दौड़ते हैं लोग
उत्तर प्रदेश में एक ऐसा वृक्ष है जिसके दर्शन को लोग तरसते हैं। कहा जाता है कि जो भी यहां सच्चे मन से अपनी मनोकामना को रखता है उसकी मनोकामना पूरी होती है। जानकार बताते हैं कि समुद्र मंथन के समय 14 रत्न निकले थे। जिसमें से एक कल्पवृक्ष का पेड़ था। जिसमें भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की इच्छा को पूरा करने के लिए इस वृक्ष को धरती पर लाया था। मान्यताओं के अनुसार कल्पवृक्ष भगवान कृष्ण का ही एक अवतार है। जिसकी पूजा की जाती है। इस वृक्ष के बारे में यह मान्यता कि यह करीब 1000 साल पुराना है और उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग में अध्यक्ष को संरक्षित किया गया है।
कल्पवृक्ष को इन नामों से जाना जाता है
कल्पवृक्ष को कलपतरु, सुतरु , देवत्रु और कल्पलता के नाम से जाना जाता है और लोग उसकी पूजा करने में बहुत विश्वास रखते हैं। यह वृक्ष न सिर्फ पूजा करने के लिए ही मान्यता में बल्कि इसमें 24 घंटे ऑक्सीजन देता रहता है।
समुद्र मंथन के दौरान भगवान कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की इच्छा को पूरा करने के लिए इस वृक्ष को धरती पर लाया था।
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