क्रिकेट के खेल में उच्चतम स्तर पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करने से गौरव की बात क्या हो सकती हैं लेकिन सभी के लिए ये संभव नहीं हैं. कुछ प्रतिभाशाली और लकी क्रिकेटरों का ही ये सपना सच होता हैं. क्रिकेट के खेल में ऐसी कई बाप-बेटे जोड़ी देखने को मिली हैं, जिन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट खेला हैं लेकिन क्या आपने सोचा हैं कि ऐसे भी कई मौके आये हैं जब एक बाप-बेटे की जोड़ी क्रिकेट मैदान पर एक साथ क्रिकेट खेली हैं.
आज इस लेख में हम 4 ऐसे मैचों के बारे में जानेगे, एक ही मैच में बाप-बेटे दोनों खेले हैं.
1) लाला और सुरिंदर अमरनाथ
लाला अमरनाथ ने 1933 में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया. अपने 24 मैचों के टेस्ट करियर में, अमरनाथ टेस्ट शतक बनाने वाले पहले भारतीय बने हालाँकि, उन्होंने अपने करियर में एक और गर्व का क्षण देखा, जब उनके15 वर्षीय बेटे सुरिंदर अमरनाथ ने अपने पिता के साथ 1963 में प्रथम श्रेणी में डेब्यू किया. हालाँकि, दोनों अलग-अलग टीमों में शामिल थे. सुरिंदर ने शानदार 86 रन बनाए जबकि लाला अपनी पारी में 40+ रन बना सके. बाप और बेटे दोनों के साथ इश्क लड़ा चुकी हैं बॉलीवुड की ये 5 फेमस एक्ट्रेस
2) शिवनारायण और तेगनारायण चंद्रपॉल
वेस्टइंडीज के शिवनारायण चंद्रपॉल टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे सफलतम बल्लेबाजों में से एक रहे हैं. 2015 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास के कई सालों बाद भी इस दिग्गज ने घरेलू क्रिकेट खेलना जारी रखा. इसी दौरान तेगनारायण चंद्रपॉल को अपने पिता के साथ खेलने का मौका क्योंकि वे दोनों घरेलू क्रिकेट में एक ही टीम के लिए खेले थे. इस मैच में दोनों ने एक यादगार साझेदारी भी बनाई थी.
3) डेनिस और हीथ स्ट्रीक
जिम्बाब्वे के पूर्व ऑलराउंडर हीथ स्ट्रीक के पिता डेनिस स्ट्रीक एक पेशेवर क्रिकेटर थे. हालांकि सीनियर स्ट्रीक को जिम्बाब्वे के लिए खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन उनका बेटा लगभग 250 मैचों में राष्ट्रीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए देश के लिए एक शानदार ऑलराउंडर के रूप में उभरा. उन्होंने 2005 में अपना करियर समाप्त किया, लेकिन इससे पहले 1996 में उन्हें अपने पिता के साथ खेलने का मौका मिला था. दोनों ने माटाबेलेलैंड के लिए इस साथ मैच खेला. उनकी टीम ने टूर्नामेंट फाइनल में माशोनलैंड कंट्री डिस्ट्रिक्ट्स को हराकर लोन्रो लोगान कप जीता था. ‘कौन प्रवीण तांबे?’ KKR टीम के साथ बायोपिक की स्क्रीनिंग देख छलके क्रिकेटर के आंसू
4) विली और बर्नार्ड क्वाइफ
विली क्वाइफ ने 1899 में टेस्ट डेब्यू किया था हालंकि इंग्लैंड के लिए उनका टेस्ट करियर काफी छोटा रहा था. दूसरी ओर उनके बेटे बर्नार्ड क्वाइफ ने 319 फर्स्ट क्लास मैच खेले, जिसमें उन्होंने 9,594 रन बनाए. विली और बर्नार्ड क्वाइफ पिता-पुत्र की ऐसी जोड़ी हैं, जिन्होंने 20 मैचों में इंग्लिश काउंटी वारविकशायर के लिए एक साथ क्रिकेट खेला हैं.