Anima Chakraborty : जैसे की कहावत है कि हम अपने शरीर को जैसे ढाल लेते हैं, वैसा ही ढल जाता है। कुछ ऐसी ही एक कहानी पश्चिम बंगाल की एक 79 वर्षीय दादी की है, जिन्होंने पिछले 55- 60 सालों से अन्न् का एक भी दाना ग्रहण नहीं किया है।
कई सालों से नहीं खाया अन्न
जी हां शायद ही आप यकीन ना कर पाए, लेकिन यह सच है कि यह दादी पिछले 55-60 सालों से बिना अन्न खाए पूर्णतया स्वस्थ हैं। उन्हें बीपी और शुगर जैसी किसी प्रकार की कोई बीमारी भी नहीं है। लेकिन अब आप सोच रहे होंगे कि फिर यह जीवित कैसे हैं। यह दादी कोलकाता के गोघाट श्याम बाजार ग्राम पंचायत के बेलडीहा गांव की निवासी हैं। उनका नाम अनिमा चक्रवर्ती है, जोकि बचपन से ही गरीबी के माहौल में पली थी। गरीबी के कारण उनके घर में अनाज की बहुत अधिक कमी थी। उन्हें दूसरों के घरों पर जाकर काम करना पड़ता था और खाने तक को नसीब नहीं हो पाता था।
उनके बेटे ने बताया कि अब से 50 -60 साल पहले हमारी पारिवारिक स्थिति बेहद खराब थी। हमारी मां घरों में काम करने जाती थी, जिससे वहां कुछ चावल मिल जाते थे और वह चावल हम बच्चों को बनाकर खिला देती थी। वह खुद कुछ भी नहीं खाती थी और भूखे सो जाती थी। इसी तरीके उनका रोज चाय पीकर गुजारा होने लगा, तभी से उन्हें सिर्फ चाय पीकर अपना समय गुजरने की आदत हो गई। धीरे-धीरे उनका खाना पूरी तरह से छूट गया और वह सिर्फ चाय पीकर ही जीने लगी। उन्हें किसी प्रकार की कोई भी बीमारी नहीं है और वह 50 -60 सालों पहले से ही सिर्फ चाय पीकर रह जाती थी।
60 साल पहले छोड़ चुकी खाना
जहां अनिमा चक्रवर्ती का खाना पूरी तरह से छूट ही गया है, वही वह पूरी तरह से चाय पर निर्भर हो गई। आज के समय अनिमा सिर्फ चाय और हॉर्लिक्स पर जीवित रहती है। वह सालों से बिना कुछ खाए पिए पूर्णतया स्वस्थ हैं और सामान्य जीवन जीती है। इसके साथ-साथ उनके बेटे ने इस बात का भी खुलासा किया कि पहले उनकी मां दिन में दो-तीन बार चाय पीती थी, और साथ में हॉर्लिक्स भी लेती थी लेकिन अब वह दो से अधिक बार चाय का सेवन नहीं करती हैं। उन्हें किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं है लेकिन दो से अधिक बार चाय पीने पर उन्हें उल्टी शुरू हो जाती है। अब उनका शरीर इसी तरह से ढल चुका है। वह आज भी किसी प्रकार का कोई ठोस आहार नहीं लेती है। पूरे दिन घर के कामों में व्यस्त रहती हैं। बस सुबह और रात सिर्फ दो बार दूध वाली चाय का सेवन करती है।
डॉक्टर भी हैरान
बेटे ने यह भी बताया कि जब उनकी मां किसी प्रकार का कोई खाना नहीं खाती थी, तो उन्होंने इस बात से चिंतित होकर अपनी मां को डॉक्टरों को भी दिखाया, लेकिन डॉक्टर भी इस बात की सही जानकारी तक नहीं पहुंच सके। कामारपुकुर के डॉक्टर विश्लेश्वर बल्लभ ने बताया कि हम सबको अपने शरीर के लिए पोषक तत्व प्राप्त करने के लिए भोजन की आवश्यकता होती है। भोजन से ही हमारे शरीर को पोषक तत्व कैलोरी और ऊर्जा मिलती है, जिससे हम जीवित रहते हैं। हम जिस भोजन का सेवन करते हैं वह दो तरीके का हो सकता है, एक तो चबाया हुआ और दूसरा तरल भोजन। चाहे आप जिस प्रकार से भोजन का सेवन करें आपके शरीर में भोजन के पोषक तत्वों का पहुंचना जरूरी है। अगर इस तरह से आपके शरीर में पोषक तत्व पहुंचते रहते हैं तब तो आपके शरीर में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होती।
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