500 साल बाद आखिरकार अयोध्या में राम मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा का रंगारंग कार्यक्रम हुआ. दरअसल राम मंदिर से करोड़ों हिन्दूओं की आस्था जुडी हैं. इसी बीच राजस्थान के रहने वाले एक कपल की कहानी तेजी से वायरल हो रही हैं. दरअसल राजस्थान के एक कपल ने 33 साल पहले संकल्प किया था कि जब भी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला विराजमान होंगे तभी वह शादी करेंगे.
33 साल के लंबे इंजतार के बाद कपल का संकल्प पूरा हो गया है. 22 जनवरी को अयोध्या के भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो गए हैं. जिसके बाद इस कपल ने कारसेवकपुरम परिसर में स्थित यज्ञ वेदी में सात फेरे लिए और अग्नि को साक्षी मानकर शादी की. एक सबसे दिलचस्प बात ये रही कि इस जोड़े ने वरमाला के लिए भी उसी माला को चुना. जिसका श्रीराम जी के श्रृंगार के लिए मंदिर में इस्तेमाल किया गया था.
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कपल ने 1990 में किया था राम मंदिर बनने का संकल्प
बता दे राजस्थान के जयपुर के रहने वाले डॉक्टर महेंद्र भारती साल 1990 में शादी करने वाले थे लेकिन फिर उस समय कारसेवकों पर गोली चलने की घटना से वे इतने परेशान हो गए कि उन्होंने संकल्प लिया कि जब तक अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर नहीं बनता, तब तक वे शादी नहीं करेंगे और अपनी ज़िन्दगी में कभी भी माला नहीं पहनेगे.
22 जनवरी को अयोध्या में रामलला विराजमान हो गए थे. जिसके बाद संकल्प पूरा होने के बाद डॉ. महेंद्र भारती ने राजस्थान (अजमेर) की रहने वाली डॉ. शालिनी गौतम को अपना जीवनसाथी बना लिया हैं. अब 33 वर्ष की प्रतिज्ञा पूर्ण होने के बाद इस कपल ने हिन्दू रीती-रिवाज से शादी की. बताया जा रहा हैं कि इस बेहद खास कपल की ऐतिहासिक शादी पुरोहित बंधु तिवारी ने कराई हैं.
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