बॉलीवुड की महान कोरियोग्राफर सरोज खान आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उन्होंने जो बॉलीवुड को दिया हैं वो इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं. बॉलीवुड में पहली महिला कोरियोग्राफर होने के नाते उन्हें ‘भारत में कोरियोग्राफी की माँ’ के रूप में भी जाना जाता था, क्योंकि चालीस वर्षों से अधिक के करियर के साथ, उन्होंने 2000 से अधिक गानों को कोरियोग्राफ किया. इनमें मिस्टर इंडिया में हवा हवाई, तेजाब में एक दो तीन, बेटा में धक धक करने लगा और देवदास में डोला रे डोला जैसे लोकप्रिय गाने शामिल थे.
लेकिन बेहद कम लोग ये जानते होंगे कि अपनी कोरियोग्राफी से इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाने के लिए सरोज खान को कितना कड़ा संघर्ष करना पड़ा था. 2014 में ब्रूट को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने अपने करियर पर खुलकर बात की. मास्टरजी ने यह भी बताया कि कैसे अपनी 8 महीने की बेटी को दफनाने के बाद उन्होंने उसी शाम को दम मारो दम के लिए कोरियोग्राफी की थी.
सरोज ने बताया, “मेरी बेटी की मृत्यु हो गई जब वह 8 महीने और 5 दिन की थी. दोपहर की नमाज़ उनकी नियति में थी और उन्हें दफनाने के बाद मुझे शाम 5 बजे फिल्म ‘हरे राम हरे कृष्णा‘ के ‘दम मारो दम‘ की शूटिंग के लिए ट्रेन पकड़नी थी.”
सरोज खान ने फिल्म कोरियोग्राफर बी सोहनलाल से डांस सीखा. जिनसे उन्होंने 13 साल की उम्र में शादी की, जबकि वह 43 साल के थे और पहले से ही 4 बच्चों के पिता थे. हालाँकि शादी के दौरान सरोज की इसकी जानकारी नहीं थी. तीन बच्चे होने के बाद यह जोड़ा अलग हो गया, जिसमें वह बच्चा भी था जिसने बहुत जल्दी दुनिया छोड़ दी थी.सरोज खान का आखिरी कोरियोग्राफ गाना फिल्म ‘कलंक’ से ‘तबा हो गए’ हैं जोकि माधुरी दीक्षित पर फिल्माया गया था. इस बीच, रेमो डिसूजा सरोज खान पर एक बायोपिक बनाने की योजना बना रहे हैं और एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट है.