हनुमान मंदिर, मध्यप्रदेश: हनुमान को ब्रह्माण्ड का सबसे बड़ा भक्त माना जाता हैं. दरअसल उन्होंने प्रभु श्रीराम की भक्ति में अपना पूरा जीवन लगा दिया. जब भी कोई किसी मुश्किल या संकट में होता हैं तो वह सबसे पहले हनुमान जी को ही याद करता हैं. यही कारण हैं कि उन्हें संकट मोर्चन और दुखभंजन के नाम से भी जाना जाता हैं. इसी बीच आज इस लेख में हम हनुमान जी के एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं. जिसमे अर्जी लगाने वाला कभी भी खाली हाथ नहीं जाता हैं.
दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर में होते हैं चमत्कार

देशभर में ऐसे कई मंदिर हैं, जिसके चमत्कार के किस्से सुनने को मिलते हैं. वहां रोज हजारो और लाखों की संख्या में भक्त भी आते हैं. ऐसे ही एक चमत्कारी मंदिर दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर हैं जोकि मध्यप्रदेश के बैतूल जिले के टिकारी में स्थित हैं.
200 साल पुराने इस प्राचीन मंदिर में परेशानियों में घिरे बजरंगबली के भक्त भोज पत्र, पीपल के पत्ते या फिर अकाव के पत्तों पर अपनी अर्जी लिखकर हनुमान जी के चरणों मे अर्पित करते हैं. इसके बाद हनुमानजी अपने भक्तो के सभी दुःख हर लेते हैं. बता दे इस मंदिर की सबसे ख़ास बात ये हैं कि यहां सुबह मंदिर के पट खुलते ही हनुमान जी के दर्शन सबसे पहले भगवान शनिदेव करते हैं, जिसके बाद भक्तों को दर्शन करने दिया जाता हैं.

दरअसल मंदिर के मुख्य द्वार के ठीक सामने एक काफी पुराना शमी का पेड़ है और मान्यताओं के अनुसार माना ये जाता है कि शमी के पेड़ में कर्मफल दाता भगवान शनि का वास होता है. यही कारण हैं कि सुबह जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं, तो हनुमान जी के पहले दर्शन शनिदेव करते हैं.
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200 साल पहले हुई थी हनुमान मंदिर की स्थापना

मध्यप्रदेश के इस मंदिर के बारे में बताया जाता हैं कि इस बेहद चमत्कारी मंदिर की स्थापना 200 साल पहले एक जमीदार द्वारा की गयी थी. इसके बाद से ही मंदिर में रामभक्त हनुमान मंदिर में बैतूल जिले के लोगों की गहरी आस्था हो गयी. दरअसल ये कहना भी गलत नहीं होगा कि बैतूल जिले को अब ज्यादातर लोग इसी मंदिर की वजह से जानते हैं.
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