मुकेश अंबानी की रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में हाल ही में आई भारी गिरावट ने न केवल उनके व्यक्तिगत धन में कमी की है, बल्कि पूरे भारतीय शेयर बाजार को भी हिला दिया है। इस लेख में हम इस गिरावट के कारणों, उसके प्रभाव और इससे जुड़े प्रमुख तथ्यों पर चर्चा करेंगे।
शेयर बाजार में भारी गिरावट
30 सितंबर 2024 को, रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में 3.07% की गिरावट आई, जिससे यह 2958.65 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट के चलते मुकेश अंबानी को लगभग 1.36 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। इसके साथ ही, गौतम अंबानी भी $100 अरब क्लब से बाहर हो गए हैं। बीएसई सेंसेक्स में 1100 अंक या 1.30% की गिरावट आई, जबकि निफ्टी 318.35 अंक या 1.22% नीचे चला गया.
गिरावट के कारण
मुनाफावसूली
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में गिरावट का मुख्य कारण मुनाफावसूली बताई जा रही है। जब बाजार में तेजी आती है, तो निवेशक आमतौर पर अपने लाभ को सुरक्षित करने के लिए अपने शेयर बेचते हैं। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ, जिससे रिलायंस के शेयरों पर दबाव पड़ा.
ग्लोबल बाजार का प्रभाव
भारतीय शेयर बाजार में आई इस गिरावट का संकेत पहले ही मिल चुका था। जापानी शेयर बाजार में भी भारी गिरावट देखी गई थी, जहां निक्केई इंडेक्स 4% तक टूट गया। जापान में राजनीतिक उथल-पुथल और वैश्विक आर्थिक स्थिति ने भी भारतीय बाजार को प्रभावित किया.
निवेशकों पर प्रभाव
इस गिरावट ने न केवल मुकेश अंबानी को प्रभावित किया है, बल्कि अन्य निवेशकों पर भी इसका गहरा असर पड़ा है। रिलायंस इंडस्ट्रीज भारत की सबसे बड़ी कंपनी है, जिसका मार्केट कैप लगभग 19.31 लाख करोड़ रुपये है। ऐसे में इसकी गिरावट से अन्य कंपनियों के शेयरों पर भी दबाव पड़ा है। ICICI बैंक, HDFC बैंक और एक्सिस बैंक जैसे बड़े नामों के शेयरों में भी 3% तक की गिरावट आई.
गौतम अंबानी का स्थिति
गौतम अंबानी, जो कि मुकेश अंबानी के छोटे भाई हैं, भी इस गिरावट से प्रभावित हुए हैं। उनकी संपत्ति $100 अरब से कम हो गई है, जिससे उन्हें इस क्लब से बाहर होना पड़ा है। यह स्थिति अंबानी परिवार के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में आई यह भारी गिरावट न केवल मुकेश अंबानी और गौतम अंबानी के लिए बल्कि पूरे भारतीय शेयर बाजार के लिए एक चेतावनी है। मुनाफावसूली और वैश्विक आर्थिक स्थितियों ने निवेशकों को सतर्क कर दिया है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या रिलायंस इंडस्ट्रीज अपने शेयरों की कीमत को फिर से बढ़ाने में सफल होती है या नहीं।