कहा जाता हैं कि मेहनत करने वाले की कभी हार नहीं मिली. सोनल शर्मा नाम की एक लड़की ने इस मिशाल को एकदम सच साबित कर दिया हैं. दरअसल इस होनहार लड़की ने कड़े संघर्षों के बीच अपनी मेहनत की दम पर पहले ही प्रयास में जज बनकर साबित कर दिया हैं कि अगर जी-जान से मेहनत करें तो कुछ भी हासिल किया जा सकता हैं.
सोनल शर्मा अपनी मां ख्याली शर्मा के चार बच्चों में से एक हैं. सोनल सुबह 4:00 बजे से उठकर ही अपने घर में मौजूद गायों की सेवा में लग जाती है और गोबर की लीपापोती करती है. इन सब के बीच आज इस लेख में हम सोनल के संघर्ष और कड़ी मेहनत के बारे में जानेगे.
2018 में क्लियर किया मजिस्ट्रेट का एग्जाम
सोनल शर्मा के साल 2018 में पहली बार तब सुर्ख़ियों में आई थी जब उन्होंने मजिस्ट्रेट का एग्जाम पहली बारी में ही क्लियर कर लिया था. सोनल को लेकर सभी का सिर्फ यही कहना हैं कि उसके अंदर ऐसी प्रतिभा है कि उसने किसी भी परिस्थिति में हार ना मानने की कसम खा रखी थी. उनकी यही बात उन्हें अन्यों से अलग बनाती हैं.
सोनम सुबह 4:00 से उठकर अपने घर की गायों की सेवा में लग जाती थी. इससे फ्री होने के बाद वह घर में ही पढ़ाई किया करती . सबसे दिलचस्प बात ये हैं कि उन्होंने मजिस्ट्रेट की परीक्षा के लिए कभी भी किसी ट्यूशन या कोचिंग का सहारा नहीं लिया.
सोनल अब जज के पद कार्यरत हैं और जब भी लोग उनसे ये पूछते हैं कि उन्होंने आर्थिक तंगी के बावजूद कैसे अपनी पढ़ाई की. इस पर कह कहती हैं कि उनके घर की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह किसी कोचिंग या ट्यूशन में जा सके. ऐसे में वह अपनी पढ़ाई के लिए कॉलेज जल्दी चली जाती थी और ज्यादा से ज्यादा समय लाइब्रेरी में किताबों के साथ समय बिताती थी.
सोनल ने आगे ये भी बताया कि उन्होंने कभी भी अपने पिता से अनाब-शनाब चीजों के लिए पैसे नहीं मांगे क्योंकि उन्हें पता था कि पिता पर पहले ही काफी कर्ज हैं. हालाँकि अब वो समय आ गया हैं जब सोनल अपने माता-पिता को सभी खुशियाँ दे रही हैं और लोगों के लिए मिशाल कायम कर रही हैं.