भारत की टेनिस सनसनी सानिया मिर्जा ने अपने टेनिस करियर को अलविदा कह दिया हैं. हालाँकि दुखद बात ये रही कि उन्हें आखिरी मैच में हार का मुहं देखना पड़ा. डब्ल्यूटीए दुबई ड्यूटी फ्री चैंपियनशिप के पहले राउंड में ही इंडियन स्टार मिर्जा और उनकी जोड़ीदार मैडिसन कीज को सीधे सेटों में हार झेलनी पड़ी.
सानिया और उनकी जोड़ी को वेरनोकिया कुदेर्मेटोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा ने सीधे सेटों में 4-6, 0-6 से हराकर मैच अपने नाम किया. बता दे सानिया ने कुछ दिनों पहले संन्यास का ऐलान किया था और ये मैच उनके प्रोफेशनल करियर का आखिरी मैच था.होटल के कमरें में शाहिद कपूर के साथ रंगेहाथ पकड़ी गई थी सानिया मिर्जा, जानें फिर क्या हुआ
सानिया मिर्जा ने करियर का आखिरी मुकाबला दुबई ड्यूटी फ्री चैंपियनशिप में खेला और अपनी जोड़ीदार मैडिसन कीज के साथ टेनिस कोर्ट में उतरी. इस दौरान उनका सामना वेरनोकिया कुदेर्मेटोवा और ल्यूडमिला सैमसोनोवा की जोड़ी से हुआ. सानिया के फैन्स को उम्मीद थी कि अपने मजबूत प्रतिद्वंद्वी के सामने वह शानदार खेल दिखाएगी लेकिन ऐसा न हो सका और उन्हें पहले राउंड में 4-6 और दूसरे राउंड में 0-6 से हार का सामना करना पड़ा.
सानिया मिर्जा का शानदार करियर
भारतीय इतिहास की सबसे महान महिला टेनिस स्टार सानिया मिर्जा ने साल 2009 में अपने करियर का पहला ग्रैंड स्लैम टाइटल जीता. इसके बाद वह महेश भूपति के साथ ऑस्ट्रेलियन ओपन 2009 में मिक्स्ड डबल्स चैंपियन बनी. जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
मिक्स्ड डबल्स चैंपियन बनने के बाद फ्रेंच ओपन 2012 और यूएस ओपन 2014 में भी उन्होंने खिताब अपने नाम किया. इस जीत के बाद उनका फोकस महिला डबल्स पर गया. 2015 में सानिया ने अपने करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए विंबलडन और यूएस ओपन में महिला डबल्स टाइटल जीते.सानिया मिर्जा की बहन की खूबसरती के सामने फेल हैं ऐश्वर्या राय, देखें फोटो
2016 में भी सानिया का जलवा कायम रहा और उन्होंने ऑस्ट्रेलियन ओपन में महिला डबल्स टाइट अपने नाम किया. बता दे सानिया ने अपने शानदार करियर में 6 डबल्स ग्रैंड स्लैम अपने नाम किए. इसके अलावा सानिया 13 अप्रैल 2005 को सबसे पहली बार महिला डबल्स में नंबर-1 रैंकिंग हासिल करने वाली इंडियन महिला टेनिस भी बनी थी.