खुलासा: कैंसर से जूझ रहे Yuvraj Singh को हो रही थी खांसी, दूसरी तरफ साथी खिलाड़ी उड़ा रहे थे उनका मजाक  

Photo of author

Yuvraj Singh : हरभजन सिंह ने हाल ही में एक भावुक खुलासा किया है जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने और उनके अन्य साथी खिलाड़ियों ने युवराज सिंह के स्वास्थ्य को लेकर मजाक बनाया था। यह खुलासा उस समय का है जब युवराज सिंह 2011 के विश्व कप में खेल रहे थे, जबकि वे कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे थे। हरभजन ने बताया कि युवराज अक्सर खांसते थे और कभी-कभी उन्हें उल्टी भी होती थी, लेकिन उस समय किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि ये कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।

Yuvraj Singh का संघर्ष

Yuvraj Singh

युवराज सिंह, जो भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल खिलाड़ियों में से एक हैं, ने 2011 का विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उन्हें इस टूर्नामेंट में ‘प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट’ का खिताब भी मिला था। लेकिन इस दौरान, उनकी सेहत लगातार बिगड़ रही थी। हरभजन ने कहा, “हमने उस समय मजाक बनाया कि ‘बुड्ढा हो गया है’, लेकिन हमें नहीं पता था कि वह इतनी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है।”

Yuvraj Singh का कैंसर का पता चलना

हरभजन ने बताया कि युवराज की खांसी और स्वास्थ्य की समस्याओं को देखकर उन्होंने कभी गंभीरता से नहीं लिया। “हम मजाक कर रहे थे और सोच रहे थे कि वह बस थक गए हैं। लेकिन बाद में पता चला कि वह कैंसर से लड़ रहे थे,” हरभजन ने कहा। यह खुलासा उन सभी के लिए एक झटका था जो युवराज को जानते थे, क्योंकि उनकी ताकत और खेल की क्षमता को देखकर कोई भी यह नहीं सोच सकता था कि वह इतनी गंभीर स्थिति में हैं।

इमोशनल यादें

हरभजन ने यह भी बताया कि कैसे युवराज ने अपनी बीमारी के बावजूद खेलना जारी रखा और टीम के लिए एक प्रेरणा बने। “युवराज ने हमें दिखाया कि असली योद्धा क्या होता है। उन्होंने अपने स्वास्थ्य के बावजूद शानदार प्रदर्शन किया,” हरभजन ने कहा। यह बात न केवल युवराज के लिए, बल्कि सभी खिलाड़ियों के लिए एक सीख बन गई कि खेल के मैदान पर क्या करना चाहिए और कैसे चुनौतियों का सामना करना चाहिए।

युवराज सिंह की कहानी न केवल एक क्रिकेटर की है, बल्कि यह एक इंसान की है जो जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए भी अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए संघर्ष करता है। हरभजन का यह खुलासा हमें यह याद दिलाता है कि कभी-कभी हम दूसरों की समस्याओं को हल्के में ले लेते हैं, जबकि हमें उनकी गंभीरता को समझना चाहिए।

Leave a Comment