राजकुमार राव ने ‘बरेली की बर्फ़ी’, ‘न्यूटन’, ‘स्त्री’, ‘ट्रेप्ड’ जैसी कई दिलचस्प और यूनीक फिल्में की हैं। वे इंडस्ट्री में अपने टैलेंट के लिये जाने जाते हैं। उनके अभिनय को राष्ट्रीय पुरस्कारों द्वारा भी सम्मानित किया गया हैं। हाल ही में फराह खान के साथ ‘टेप कास्ट’ शो में राजकुमार ने बॉलीवुड इंडस्ट्री से जुड़े कुछ कड़वे राज खोले और अपने अनुभाव साझा किये।
शो में राजकुमार ने बताया की कैसे करियर के शुरुआती दिनों में उन्हें अपने सावंले रंग और सामान्य ऊँचाई के कारण रिजेक्शन झेलने पड़े। राजकुमार ने कहा – “आई एम वेरी प्राउड ऑफ माय स्किन कलर। मैं यहाँ ऐक्टिंग करने आया हूं, अपने स्किन का कलर दिखाने नहीं।” उन्होंने बताया कि उन्हें हसीं आती थी जब लोग स्किन कलर का बहाना देकर उन्हें रीजेक्ट करते थे।
राजकुमार ने एक किस्सा साझा करते हुए बताया कि उन्हें एक पारसी किरदार के लिये, उनके स्किन कलर के कारण रीजेक्ट कर दिया गया था। इस पर फराह ने कहा की – “पारसी किरदार निभाने के लिये, आपको पारसी जैसा दिखना भी जरुरी हैं।” इस पर राजकुमार ने कहा – “नसीरुद्दीन शाह ने तो ‘पेस्टोनजी’ में पारसी का किरदार निभाया था?”
इस पर फराह राजकुमार कई सवाल पुछती गई पर राज के पास हर सवाल का जवाब था। आखिर में फराह ने राजकुमार से पुछ लिया कि “जब तेरेको नेपाली का रोल देंगे तो फिर”।
इस पर राज ने तुरंत जवाब दिया – “आमिर खान ने किया है न नेपाली का रोल; ऐड नहीं देखा अपने कोका कोला वाला।” आखिरकार फराह, राजकुमार की हाज़िर जवाबी के आगे हार गई और उन्होंने शो में आगे बढ़ने का फैसला किया।
इसके बाद जब शो में राजकुमार और फराह के बीच नेपोटिज़म के बारे में हुई तो राज ने बताया कि कैसे एक बार उन्हें सारी फॉरमेलिटीस पुरी होने के बाद एक फिल्म छोड़नी पड़ी।
क्योंकि इंडस्ट्री के किसी बड़े चेहरे के बेटे को वो फिल्म करनी थी। हालांकि राज ने उस ऐक्टर का नाम नहीं बताया पर यह बताया की उस फिल्म की स्क्रिप्ट बहुत अच्छी थी पर अब वो फिल्म नहीं बन रही।
नेपोटिज़म के बारे में आगे और चर्चा करते हुए फराह और राजकुमार ने इस बात पर सहमति जताई कि हर अभिनेता के जीवन में किसी ना किसी प्रकार का संघर्ष होता ही हैं। और अगर आप एक ऐक्टर के बेटे हो इसका मतलब ये नहीं की आप सिर्फ़ अपने कनेक्शन के कारण ही इंडस्ट्री में बने हुए है।
फराह ने कहा आगे कहा जब एक डाक्टर का बेटा डाक्टर बनता हैं, तब तो कोई कुछ नहीं बोलता। राजकुमार ने भी इस बात पर सहमती जताई कि ऐक्टर का बेटा या बेटी भी ऐक्टर बनना चाहें तो इसमें क्या गलत हैं।
आखिर में फराह ने बताया – वो भले ही अपने परिवार की दूसरी पीढ़ी हैं, फिल्म निर्माण में पर जब वे बहुत छोटी थी तब उनके पिता को सिनेमा जगत में नाकामी मिली थी। जिसके चलते उनका भी फिल्म इंडस्ट्री का सफर उतना ही मुश्किल रहा है जितना किसी और का रहता हैं।