पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर छलके प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आंसू, नम आँखों से कहीं ते बात

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन 26 दिसंबर 2024 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हुआ। वह 92 वर्ष के थे और उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके निधन की खबर ने पूरे देश में शोक की लहर दौड़ा दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया और उन्हें भारत के सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक बताया।

मनमोहन सिंह का जीवन और कार्य

मनमोहन सिंह

डॉ. मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को पंजाब के गहरे गांव में हुआ था। वे एक साधारण परिवार से थे, लेकिन उन्होंने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री और राजनेता के रूप में पहचान बनाई। उन्होंने 1991 से 1996 तक भारत के वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया और आर्थिक उदारीकरण की नीतियों को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके बाद, वे 2004 से 2014 तक भारत के प्रधानमंत्री रहे।

उनकी सरकार ने कई महत्वपूर्ण सुधार किए, जिनमें आर्थिक विकास, शिक्षा, और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार शामिल है। उनके कार्यकाल में भारत ने वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान बनाई। मनमोहन सिंह की विनम्रता और बुद्धिमत्ता ने उन्हें राजनीतिक हलकों में एक विशेष स्थान दिलाया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भावुक संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा, “भारत अपने सबसे प्रतिष्ठित नेताओं में से एक डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन पर शोक मना रहा है। साधारण पृष्ठभूमि से उठकर वे एक प्रतिष्ठित अर्थशास्त्री बने।” उन्होंने यह भी कहा कि मनमोहन सिंह ने लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए व्यापक प्रयास किए और उनके साथ अपने अनुभव साझा किए जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।

मोदी ने कहा कि “उनकी बुद्धिमत्ता और विनम्रता सदैव झलकती थी” और इस दुखद घड़ी में उन्होंने मनमोहन सिंह के परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं।

देशभर में शोक

मनमोहन सिंह के निधन की खबर सुनते ही देशभर में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कई राजनीतिक नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।

केंद्र सरकार ने उनके निधन पर 7 दिनों का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है, जिसमें सभी सरकारी कार्यक्रम रद्द कर दिए गए हैं। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।

डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन हमें यह सिखाता है कि कठिनाइयों का सामना करके भी हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं। उनकी विरासत न केवल आर्थिक सुधारों तक सीमित है, बल्कि उन्होंने भारतीय राजनीति में जो विनम्रता और बुद्धिमत्ता दिखाई, वह भी हमेशा याद रखी जाएगी। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत रहेगा।

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