प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कनाडा के ब्रैम्पटन में एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले की कड़ी निंदा की है। यह हमला उस समय हुआ जब भारतीय कांसुलर अधिकारी दीवाली समारोह के लिए वहां मौजूद थे। इस घटना ने भारत और कनाडा के बीच बढ़ते राजनयिक तनाव को और बढ़ा दिया है, जिसके कारण दोनों देशों के बीच संबंधों में खटास आई है।
घटना का विवरण
हिंदू सभा मंदिर में हुई इस हिंसक घटना में खालिस्तानी समर्थक तत्वों ने प्रदर्शन किया। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दिखाया गया कि कैसे प्रदर्शनकारियों ने भारतीय ध्वज के खिलाफ नारेबाजी की और मंदिर परिसर में घुसने का प्रयास किया। इस दौरान कुछ लोग मंदिर के अंदर जाकर पत्थर फेंकने लगे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। कनाडाई पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है और अन्य संदिग्ध गतिविधियों की जांच कर रही है.
मोदी का बयान
प्रधानमंत्री मोदी ने इस हमले को “पूर्व नियोजित हमला” बताते हुए कहा कि ऐसे “कायराना प्रयास” भारत की दृढ़ता को कमजोर नहीं कर सकते। उन्होंने कहा, “हम अपेक्षा करते हैं कि कनाडाई सरकार न्याय सुनिश्चित करेगी और कानून के शासन को बनाए रखेगी”। मोदी ने अपने बयान में यह भी कहा कि भारत के नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना कनाडाई सरकार की जिम्मेदारी है.
कनाडाई नेताओं की प्रतिक्रिया
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी इस हमले की निंदा की है और कहा कि “हर किसी को अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है”। उन्होंने स्थानीय पुलिस को धन्यवाद दिया जिन्होंने स्थिति को नियंत्रित करने में मदद की. कनाडाई सांसद चंद्र आर्य ने कहा कि यह घटना दिखाती है कि खालिस्तानी उग्रवाद कितना गहरा और बेशर्म हो गया है। उन्होंने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपील की कि वे अपनी आवाज उठाएं और नेताओं को जवाबदेह ठहराएं.
भारत-कनाडा के संबंध
यह घटना उस समय हुई है जब भारत और कनाडा के बीच संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हैं। पिछले महीने, ट्रूडो ने भारतीय सरकार पर आरोप लगाया था कि वह एक प्रमुख खालिस्तानी कार्यकर्ता हारदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल थी, जिसे भारत ने आतंकवादी घोषित किया था। इसके बाद दोनों देशों ने अपने-अपने उच्चायुक्तों को निष्कासित कर दिया था.
इस हमले ने न केवल भारतीय समुदाय को प्रभावित किया है, बल्कि यह भारत-कनाडा संबंधों पर भी गहरा असर डाल सकता है। मोदी का स्पष्ट संदेश यह दर्शाता है कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर गंभीर है और वह किसी भी प्रकार के आतंकवाद या उग्रवाद को बर्दाश्त नहीं करेगा।