बेंगलुरु के एक बाइक टैक्सी ड्राइवर ने हाल ही में अपने मासिक आय का दावा किया है जो ₹80,000 से ₹85,000 के बीच है। यह जानकारी एक वायरल वीडियो के माध्यम से सामने आई, जिसमें ड्राइवर ने अपनी मेहनत और काम के घंटों के बारे में बताया। इस वीडियो को 4 दिसंबर 2024 को कर्नाटका पोर्टफोलियो द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर साझा किया गया था।
वीडियो का विवरण
इस वीडियो में, ड्राइवर ने बताया कि वह प्रतिदिन लगभग 13 घंटे काम करता है। जब एक व्यक्ति ने उसकी आय के बारे में पूछा, तो उसने कहा, “हर महीने करीब ₹80,000 से ₹85,000 कमाता हूँ।” इस पर सुनने वाले व्यक्ति ने चौंकते हुए कहा, “इतना तो हम नहीं कमाते, भाईया!” यह प्रतिक्रिया दर्शाती है कि लोगों को इस आय पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है।
A classic Bengaluru moment was observed in the city when a man proudly claimed that he earns more than ₹80,000 per month working as a rider for Uber and Rapido. The man highlighted how his earnings, driven by his hard work and dedication, have allowed him to achieve financial… pic.twitter.com/4W79QQiHye
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) December 4, 2024
सामाजिक मीडिया पर प्रतिक्रिया
यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया और इसे 6 लाख से अधिक बार देखा गया। कई लोगों ने इस पर अपनी प्रतिक्रियाएँ दी हैं। कुछ ने इस बात की सराहना की कि कैसे डिजिटल इंडिया ने ऐसे रोजगार के अवसर पैदा किए हैं, जबकि अन्य ने लंबे काम के घंटों और स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई।
Paytm के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने भी इस वीडियो को साझा किया और इसे भारतीय डिजिटल सेवा क्षेत्र की सफलता का प्रतीक बताया। उन्होंने लिखा कि भारत की नई तकनीकी कंपनियों ने बड़े पैमाने पर नौकरियों का सृजन किया है और ये “गिग वर्कर्स” नहीं बल्कि “भारतीय डिजिटल सेवाओं के सदस्य” हैं।
बाइक टैक्सी उद्योग का विकास
भारत में बाइक टैक्सी सेवाएँ जैसे Uber और Rapido तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। ये न केवल यात्रियों के लिए एक सस्ती और सुविधाजनक विकल्प प्रदान करती हैं, बल्कि कई लोगों के लिए रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत भी बन गई हैं। बेंगलुरु जैसे शहरों में जहां यातायात की समस्या आम है, बाइक टैक्सियाँ तेजी से एक प्रभावी समाधान बन गई हैं।
आर्थिक स्थिरता और चुनौतियाँ
ड्राइवर की कहानी यह दर्शाती है कि कैसे मेहनत और समर्पण से अच्छी आय अर्जित की जा सकती है। हालांकि, यह भी ध्यान देने योग्य है कि 13 घंटे काम करने का मतलब है कि ड्राइवर को अपनी व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य की कीमत चुकानी पड़ सकती है। कई लोग इस बात पर विचार कर रहे हैं कि क्या इतनी लंबी अवधि तक काम करना उचित है या नहीं।
इस वायरल वीडियो ने न केवल बेंगलुरु के ड्राइवर की कहानी को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि कैसे डिजिटल प्लेटफार्मों ने भारतीय श्रमिकों के लिए नए अवसर खोले हैं। हालांकि, इस प्रकार की आय अर्जित करने के लिए आवश्यक मेहनत और समय का मूल्यांकन करना भी महत्वपूर्ण है।