Wagh Bakri : देश की महत्वपूर्ण चाय कंपनियां में शामिल बाघ बकरी चाय के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर पराग देसाई का रविवार को अहमदाबाद में 49 वर्ष की अवस्था में निधन हो गया है। खबरों के मुताबिक पिछले हफ्ते पराग देसाई अहमदाबाद में मॉर्निंग वॉक के लिए गए हुए थे। इसी बीच उनके ऊपर आवारा कुत्तों द्वारा हमला कर दिया गया। पराग ने अपने आप को बचाने का काफी प्रयास किया और इसी के चलते वह फिसल कर गिर गए, अचानक गिरने से उन्हें काफी चोटें आई और ब्रेन हेमरेज हो गया। जिसके चलते उन्हें अहमदाबाद के एक निजी अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां उनका इलाज हो रहा था। बाघ बकरी ग्रुप में पराग देसाई चौथी पीढ़ी के उद्यमियों में शामिल थे, जिन्होंने इस ग्रुप को देश की टॉप तीन चाय कंपनियों में जगह दिलाने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया। जब साल 1995 में वह कंपनी में शामिल हुए, उस समय इसकी वैल्यू लगभग 100 करोड रुपए थी, वही आज इस कंपनी का बिजनेस लगभग 2 हजार करोड रुपए तक पहुंच गया है। देश के 24 राज्यों और दुनिया के 60 देशों में इस कंपनी का कारोबार फैला हुआ है।
कंपनी की तरफ से दी गई जानकारी
पराग देसाई के निधन की सूचना कंपनी द्वारा सोशल मीडिया के जरिए दी गई। जी हां कंपनी द्वारा इंस्टाग्राम स्टोरी में कहां गया कि हमें अपने प्रिय पराग देसाई के दुखद निधन की सूचना देते हुए काफी तकलीफ हो रही है। राजेश देसाई के लाडले और बाघ बकरी चाय समूह के प्रबंध निदेशक पराग देसाई का निधन हो गया है। उनके परिवार में अब उनकी पत्नी विदिशा और बेटी परीशा है।
ब्रेन हैमरेज बना मौत का कारण
बाघ बकरी टी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर राजेश देसाई के लाडले पराग देसाई ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में लॉन्ग आईलैंड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया था। अहमदाबाद मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते वह अपने घर के बाहर मॉर्निंग वॉक के लिए गए हुए थे, तभी उन पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया, जिसके चलते वह फिसल कर गिर गए और उन्हें ब्रेन हेमरेज हो गया फिर उन्हें अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहां उनकी मौत हो गई। उन्होंने अहमदाबाद के बाहर अपने व्यापार की जिम्मेदारी संभाली और साथ ही ई-कॉमर्स प्लेटफार्म buytea.com लॉन्च कर दिया। इसके साथ ही वह पराग ग्रुप के सेल्स मार्केटिंग और एक्सपर्ट्स की भी जिम्मेदारी संभालने में माहिर थे।
कब हुई बाघ बकरी समूह की स्थापना
1892 में नारनदास देसाई द्वारा बाग बकरी समूह की स्थापना की गई, जोकी 2000 करोड़ से अधिक का कारोबार करती है। इसके साथ-साथ यह कंपनी 50 मिलियन किलोग्राम से अधिक चाय वितरण के साथ भारत में अग्रणी पैकेज्ड चाय कंपनियां में भी शामिल है।
पराग देसाई द्वारा इस चाय के समूह को एक राजनीतिक रूप दिया गया इसके साथ ही पूरे भारत में 70 से अधिक चाय लाउंज और चाय वर्ल्ड लॉन्च किए गए। साथ ही इस ग्रुप की ई-कॉमर्स सोशल और डिजिटल मीडिया उपस्थिति को भी मजबूत किया गया। पराग देसाई भारतीय उद्योग परिषद सहित कई उद्योग मंचों पर भी सक्रिय रहे। फोर्ब्स इंडिया के मुताबिक टाटा और हिंदुस्तान यूनिलीवर के बाद बाघ बकरी भारत की तीसरी सबसे बड़ी पैकेज्ड चाय कंपनी है।
कब हुआ पराग देसाई का निधन
पराग देसाई इस्कॉन अम्बली रोड पर मॉर्निंग वॉक के लिए गए हुए थे। इसी बीच उन पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया। जिसके चलते वह घायल हो गए। शीघ्र ही उन्हें शेल्बी हॉस्पिटल में एडमिट कराया गया, फिर सर्जरी के लिए उन्हें जायडस अस्पताल ले जाया गया, जहां उनकी हालत काफी खराब थी, जिसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया। 22 अक्टूबर रविवार को उनका निधन हो गया।
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