मसालों की दुनिया में अपना एक बहुत बड़ा नाम बना देने वाले बिजनेसमैन धर्मपाल गुलाटी को तो आप शायद जानते होंगे। धरमपाल गुलाटी जी ने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपने मसाले को बेचकर एक बहुत बड़ा नाम कमाया है। MDH मसाले को भारत देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है। क्या आप जानते हैं एमडीएच मसाले के मालिक धर्मपाल गुलाटी जी के पास कितनी संपत्ति है। आज हम आपको धर्मपाल गुलाटी जी के जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें बताने जा रहे हैं।
मसालों की दुनिया में अपना एक अलग नाम बना चुके धरमपाल गुलाटी जी 3 दिसंबर 2020 को 97 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह कर चले गए थे। धर्मपाल गुलाटी जी का निधन दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुआ था मसाला किंग के नाम से मशहूर धर्मपाल गुलाटी की सफलता और उनकी सफलता की कहानियों पर आज लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। आज हम इस पोस्ट के माध्यम से आपको धर्मपाल गुलाटी जी के जीवन और जीवन में संघर्षों के बारे में बताएंगे।
पाकिस्तान के सियालकोट में 1919 में धरमपाल गुलाटी का जन्म हुआ उनका बचपन बहुत ही गरीबी में गुजरा था उनके पिता की सियालकोट में ही एक मसालों की दुकान की उन्हें बचपन में ही गरीबी के चलते अपनी पढ़ाई को छोड़ना पड़ा था। बंटवारे के वक्त धर्मपाल गुलाटी जी पाकिस्तान छोड़कर हिंदुस्तान चले आए थे। मसालों का व्यापार उनका पुश्तैनी था। पहले उनकी छोटी सी दुकान हुआ करती थी लेकिन बाद में जाकर उन्होंने मसालों की दुनिया में अपना बहुत बड़ा नाम बना लिया।
सन 1952 में धर्मपाल गुलाटी जी ने दिल्ली चांदनी चौक में एक दुकान खरीदी किसी दुकान से उन्होंने मसालों की बिक्री शुरू कर। बहुत मेहनत करने के बाद उन्हें इस दुकान से सफलता हासिल हुई धीरे-धीरे इनकी दुकान का नाम फेमस होने लग गया। मेहनत कर पैसे कमा कर इन्होंने मसालों की एक फैक्ट्री लगाई और धीरे-धीरे मसालों की दुनिया में किंग बन गए। साल 2017 की एक रिपोर्ट के अनुसार धर्मपाल गुलाटी जी यह नेटवर्क 213 करोड रुपए थी
धर्मपाल गुलाटी जी वैसे तो काफी धार्मिक इंसान थे वह समाज सेवा और दान पूर्ण के कार्यों में काफी पैसा देते थे। उन्होंने अपने पिताजी के नाम से एक चैरिटेबल ट्रस्ट भी चलाया है वह ट्रस्ट एक 250 बेड वाला अस्पताल चलाता है जिसमें गरीब परिवारों को मुफ्त में इलाज मिलता है। इसी ट्रस्ट मे एक ही स्कूल भी बनवाया है जो गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा प्रदान करता है।