भारत के तूफानी गेंदबाज मोहम्मद शमी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ शानदार गेंदबाजी से सीरीज जीतने में अहम किरदार निभाया हैं. लेकिन इसी बीच उनके लिए एक बेहद बुरी खबर सामने आई हैं. दरअसल कोलकाता की एक अदालत ने शमी को आदेश दिया हैं कि उन्हें हर महीनें अपनी पत्नी को 50000 रूपए गुजारा भत्ता के रूप में देने होंगे.
दिलचस्प बात ये हैं कि कोर्ट के इस फैसले से शमी की पत्नी खुश नहीं हैं. दरअसल उन्होंने गुजारा भत्ते के रूप में 10 लाख रूपए महीनें की मांग की थी लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 50,000 रूपए देने की बात कहीं हैं.
बता दे 4 चार पहले हसीन जहां ने अपने पति मोहम्मद शमी पर कई गंभीर आरोप लगाये थे और उनसे अलग हो गई थी. जिसके बाद उन्होंने मासिक गुजारा भत्ता के रूप में 10 लाख की मांग के लिए क़ानूनी मामला दायर किया था. इसमें उन्होंने कहा कि उन्हें बेटी की परवरिश के लिए हर महीनें 3 लाख रूपए और खुद के लिए 7 लाख रूपए महीनें की मांग की थी. लेकिन कोर्ट ने सिर्फ शमी को 50 हजार रूपए महीनें देने के लिए कहा हैं. जिसके बाद माना ये जा रहा हैं कि हसीन जहां अधिक गुजारा भत्ते की मांग के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकती हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कोर्ट में हसीन जहां के 50 हजार के आलावा बेटी की परवरिश के लिए भी शमी को 80 हजार रूपए महिना देने की बात कहीं हैं. इस मामलें में हसीन जहां की वकील मृंगाका मिस्त्री के कोर्ट में बताया कि 2020-21 की आईटीआर के अनुसार शमी सालाना 7 करोड़ रूपए कमाते हैं और हसीन ने इसी आधार पर 10 लाख रूपए गुजारा भत्ते की मांग की थी.
दूसरी तरफ मोहम्मद शमी के वकील सेलीम रहमान ने कोर्ट में कहा हैं कि हसीन जहां खुद एक फैशन मॉडल हैं और उनकी आय का स्रोत्र इतना हैं कि वह आसानी से खुद का गुजारा कर सकती हैं. ऐसे में उनकी गुजारा भत्ते की मांग उचित नहीं हैं.