हाल ही में भारत ने आजादी के 75 महोत्सव मनाया है। हर देशवासी में आजादी के 75 साल पूरे करने की खुशी 15 अगस्त के दिन साफ तौर से नजर आई। घर-घर तिरंगा की धूम पूरे अगस्त चली और सरकारी विभागों से लेकर सरकारी कार्यालयों में भी तिरंगे की धूम मची। यह सभी जानते हैं कि लाल किला पर हर साल 15 अगस्त धूमधाम से मनाया जाते हैं जिसके लिए सुरक्षा के इंतजाम भी उतने ही कड़े किए जाते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले से समस्त जनता को संबोधित किया और वहां पर काफी मात्रा में वीआईपी मौजूद थे। हजारों की संख्या में विद्यार्थी और आम जनता शामिल हुई थी और इन सभी की सुरक्षा का जिम्मा हमेशा की भांति सैन्य बल और रक्षा संबंधी वैज्ञानिक संस्था को सौंपा गया। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के चलते लाल किले पर स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम को तैनात किया गया था। इसे काउंटर ड्रोन सिस्टम का नाम भी दिया गया है।PM मोदी की सुरक्षा में लगे होते हैं SPG कमांडो, एक दिन का खर्चा आता हैं इतने करोड़
#WATCH | The counter-drone system developed by DRDO has been deployed near the Red Fort area in the national capital to tackle any potential threat from small drones. The system can detect and deactivate drones of any size within a radius of around 4 km: DRDO officials pic.twitter.com/G9UUD6i9YU
— ANI (@ANI) August 14, 2022
यह स्वदेशी एंटी ड्रोन सिस्टम रक्षा अनुसंधान संगठन यानी डीआरडीओ द्वारा बनाया गया है। यह दो तरह की तकनीक से बना हुआ है जिसमें पहले यह किसी भी ड्रोन के संपर्क में आने पर उसके संचार के लिंक को तोड़ देता है। ड्रोन का संचार लिंक तोड़ने का मतलब यह है कि वह जिस से संचालित हो रहा है उससे उसका लिंक टूट जाएगा जिसके बाद वह अपने आप ही बंद हो कर गिर जाएगा। दूसरी तकनीक में यह स्वदेशी ड्रोन अपने संपर्क में आने वाले अन्य ड्रोन को लेजर लाइट से खत्म कर देता है जिसका मतलब यह हुआ कि लेजर लाइट के पढ़ने से ड्रोन के इलेक्ट्रॉनिक पार्टस जल जाते हैं। यह ड्रोन को बिना धमाके के ही खत्म कर देता है। Also Read :जानिए क्या हैं ‘रेव पार्टी’? आखिर होता क्या है इन पार्टीज में?