Lalit Modi भारतीय प्रीमियर लीग (IPL) के संस्थापक, ने हाल ही में एक विवादास्पद बयान दिया है जिसमें उन्होंने N. Srinivasan पर गंभीर आरोप लगाए हैं। मोदी का दावा है कि श्रीनिवासन ने CSK (चेन्नई सुपर किंग्स) के लिए न केवल आईपीएल नीलामी को फिक्स किया, बल्कि CSK के मैचों में चेन्नई के अंपायरों को भी रखा। यह आरोप तब सामने आया जब मोदी ने राज शमानी के यूट्यूब शो ‘Figuring Out’ में अपनी बात रखी।
श्रीनिवासन का आईपीएल में प्रभाव
मोदी ने कहा कि श्रीनिवासन, जो उस समय BCCI के सचिव थे, आईपीएल के खिलाफ थे और जब मोदी ने उनके खिलाफ आवाज उठाई, तो उन्होंने CSK मैचों में अंपायरों को फिक्स करना शुरू कर दिया। मोदी ने कहा, “उन्होंने अंपायर बदले और मैंने इसके बारे में दो बार नहीं सोचा। लेकिन जब मैंने देखा कि वह चेन्नई के अंपायरों को चेन्नई के मैचों में रख रहे हैं, तो यह मेरे लिए एक समस्या बन गई।” इसके अलावा, मोदी ने यह भी आरोप लगाया कि श्रीनिवासन ने 2009 सीजन से पहले इंग्लैंड के ऑलराउंडर एंड्रयू फ्लिंटॉफ को खरीदने के लिए नीलामी को फिक्स किया था।
CSK का फिक्सिंग विवाद
CSK पहले भी एक बड़े स्पॉट-फिक्सिंग विवाद में फंसी थी, जिसमें गुरुनाथ मेयप्पन, जो CSK के शीर्ष अधिकारी और श्रीनिवासन के दामाद थे, को धोखाधड़ी और जालसाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस की जांच में पता चला कि मेयप्पन का अभिनेता वीरेंद्र “विंदू” दारा सिंह के साथ लगातार संपर्क था, जो कि बुकियों से जुड़े होने के कारण गिरफ्तार हुए थे।
Lalit Modi का IPL से जुड़ाव और विवाद
Lalit मोदी का IPL में योगदान अद्वितीय रहा है। उन्होंने क्रिकेट की दुनिया में एक नया आयाम जोड़ा और इसे वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाया। हालांकि, 2010 में उन्हें BCCI से निकाला गया और उन पर वित्तीय गड़बड़ियों का आरोप लगाया गया। मोदी का कहना है कि उनकी सख्त एंटी-करप्शन नीति उन्हें कई दुश्मनों का निशाना बना गई।
Lalit Modi की सुरक्षा चिंताएँ
हाल ही में दिए गए एक इंटरव्यू में, मोदी ने खुलासा किया कि उन्हें दाऊद इब्राहीम से जान से मारने की धमकियाँ मिली थीं। उन्होंने कहा कि यह धमकियाँ उन्हें भारत छोड़ने पर मजबूर कर गईं। “मैंने देश छोड़ा जब मुझे जान से मारने की धमकी मिली,” मोदी ने कहा।
आगे की राह
इस विवाद ने IPL और CSK की छवि पर गहरा असर डाला है। क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों के लिए यह एक गंभीर मुद्दा है, क्योंकि इससे खेल की पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं। अब देखना यह है कि BCCI इस मामले पर क्या कदम उठाता है और क्या इस बार कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी।