राम मंदिर का निर्माण कार्य अयोध्या में तेजी से चल रहा था, लेकिन हाल के दिनों में मजदूरों की कमी के कारण यह कार्य धीमा हो गया है। राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि यदि मजदूरों की संख्या में वृद्धि नहीं की गई, तो दिसंबर 2024 तक काम पूरा करना मुश्किल होगा।
मजदूरों की कमी का कारण
राम मंदिर निर्माण में लगे लगभग 8000-9000 मजदूरों में से आधे ने पिछले तीन महीनों में काम छोड़ दिया है। नृपेंद्र मिश्रा के अनुसार, निर्माण कार्य में शामिल ठेकेदारों ने भी इस समस्या को स्वीकार किया है। गर्मी और अन्य कारणों से मजदूर अपने घर लौट गए हैं, जिससे निर्माण कार्य की गति प्रभावित हुई है। उन्होंने बताया कि लार्सन एंड टर्ब्रो (एलएंडटी) को श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि काम की गति को तेज किया जा सके.
निर्माण कार्य की चुनौतियाँ
मिश्रा ने कहा कि सबसे बड़ी चुनौती शिखर का निर्माण है, जो दूसरी मंजिल के निर्माण और गुंबदों के निर्माण के बाद ही पूरा हो सकता है। मौजूदा गति से, इसमें दो महीने की देरी होने की संभावना है। उन्होंने यह भी बताया कि यदि 200 से 250 और श्रमिक नहीं जोड़े गए, तो दिसंबर तक काम पूरा करना अत्यंत कठिन होगा.
बैठकें और समाधान
मिश्रा ने एलएंडटी और वेंडरों के साथ कई दौर की बैठकें कीं, जिसमें मजदूरों की कमी के समाधान पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि मौसम की स्थिति भी एक महत्वपूर्ण कारक है, जिसने श्रमिकों को वापस आने में कठिनाई पैदा की है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया कि यह असंभव नहीं है कि दिसंबर तक पूरा काम पूरा हो जाए.
भविष्य की योजनाएँ
राम मंदिर ट्रस्ट ने विभिन्न ठेकेदारों को काम पर रखा है, जो मंदिर निर्माण में अपनी परियोजनाओं के लिए मजदूरों को नियुक्त करते हैं। मिश्रा ने कहा कि अगर स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो कार्य में और अधिक देरी हो सकती है। उन्होंने सभी संबंधित पक्षों से सहयोग का आह्वान किया है ताकि निर्माण कार्य को समय पर पूरा किया जा सके.
अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक परियोजना है। हालांकि, वर्तमान में मजदूरों की कमी एक बड़ी चुनौती बन गई है। नृपेंद्र मिश्रा द्वारा उठाए गए कदम और ठेकेदारों के साथ हुई बैठकें इस समस्या का समाधान निकालने में सहायक हो सकती हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही आवश्यक श्रमिक उपलब्ध होंगे और निर्माण कार्य फिर से गति पकड़ लेगा।