हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत के बाद जलेबी का ट्रेंड में आना एक दिलचस्प राजनीतिक घटना है। यह सब तब शुरू हुआ जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने गोहाना में एक रैली के दौरान मातुराम हलवाई की जलेबियों की तारीफ की और उनके निर्यात की संभावनाओं पर चर्चा की। इस बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचाई, बल्कि सोशल मीडिया पर भी जलेबी को लेकर मजाक और चुटकुले बनने लगे।
राहुल गांधी का जलेबी बयान
राहुल गांधी ने गोहाना में एक रैली के दौरान कहा कि “गोहाना की जलेबी पूरे देश में बेची जानी चाहिए” और उन्होंने मातुराम हलवाई की जलेबियों का एक डिब्बा भी दिखाया। उन्होंने कहा कि अगर इन जलेबियों का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाए तो इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। उनका यह बयान भाजपा द्वारा मजाक का विषय बना, जिसमें पार्टी ने तंज करते हुए पूछा कि क्या जलेबी फैक्ट्री में बनती है.
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा ने चुनावी नतीजों के बाद राहुल गांधी को एक किलो जलेबी भेजने का निर्णय लिया। यह कदम न केवल भाजपा की जीत का जश्न मनाने के लिए था, बल्कि यह राहुल गांधी के बयान पर चुटकी लेने का भी एक तरीका था। भाजपा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि “हरियाणा के समस्त कार्यकर्ताओं की तरफ से राहुल गांधी जी के लिए उनके घर पर जलेबी भिजवा दी गई है”।
सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग
राहुल गांधी के जलेबी फैक्ट्री वाले बयान को लेकर सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया गया। कई यूजर्स ने मजाकिया तस्वीरें साझा कीं, जिनमें जलेबियों को खेतों में उगते हुए या मशीनों द्वारा बनते हुए दिखाया गया था। इस प्रकार की ट्रोलिंग ने इस विषय को और भी अधिक चर्चित बना दिया।
कांग्रेस का ‘जलेबी दिवस‘
हरियाणा विधानसभा चुनाव के परिणामों के बाद कांग्रेस ने भी इस मामले को भुनाने का प्रयास किया। उन्होंने मतगणना के दिन को ‘जलेबी दिवस’ घोषित किया, जिससे यह स्पष्ट होता है कि वे इस मुद्दे को राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना चाहते थे।
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 में भाजपा की जीत और राहुल गांधी के जलेबी वाले बयान ने राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। यह घटना न केवल चुनावी राजनीति का हिस्सा है, बल्कि यह दर्शाती है कि कैसे छोटे-छोटे मुद्दे भी बड़े राजनीतिक विमर्श का हिस्सा बन सकते हैं। जलेबी, जो एक लोकप्रिय मिठाई है, अब राजनीतिक चुटकुलों और चर्चाओं का केंद्र बन गई है।