अक्सर यह देखा जाता है कि एक महिला अपने पुरुष दोस्त को लेकर किया कि वह उसका सामान जैसे मोबाइल फोन या कोई छोटी चीज अपनी पैंट की जेब में रख ले लेकिन पुरुष कई बार सोचते हैं कि उनकी महिला दोस्त मेरी पैंट पहनी है तो वह उनका सम्मान क्यों रखें और महिला कहती है कि उनकी जेब या पॉकेट इतनी छोटी है कि उसने मोबाइल तो क्या हाथ भी नहीं जा सकता है।
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महिला जींस के पेंट की जेब छोटी होने का इतिहास
17 वी शताब्दी में महिला और पुरुष दोनों अपनी जरूरतों के सामान को साथ में रखने के लिए एक रस्सी में कपड़ा बांधकर चलते थे जिससे वह बाहर जाते समय उस कपड़े में अपना जरूरी सामान रख सके और इस तरह शत्रु शताब्दी तक पुरुष और महिला एक ही तरीके से सामान को अपने पास रखते थे लेकिन इसके बाद जब कोट और पैंट बनने लगे तो पुरुषों के लिए तो जेब का आविष्कार हो गया लेकिन महिलाएं वही कपड़े में रस्सी बांधकर अपने साथ लेकर चलती थी और वहीं महिलाओं के लिए छोटे पर्स का निर्माण होने लगा लेकिन उनके परिवार ने जेब का निर्माण नहीं किया गया ऐसे में 19वीं शताब्दी में महिलाओं ने अपने कपड़े में जेब का होने की मांग की और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान महिलाओं को उनके मांग का परिणाम मिला और महिला ड्रेस में भी जेब बनाई जाने लगी।
हालांकि महिलाओं की कपड़े में जेब का इतिहास तो बहुत पुराना है लेकिन वर्तमान में भी फैशन इंडस्ट्री में महिलाओं के कपड़ों को उनके कंफर्ट से ज्यादा फैशनेबल बनाया जाता है और पुरुषों के लिए आज भी कपड़े बनाते समय उनके कंफर्ट पर ज्यादा ध्यान दिया जाता है जिसके चलते उनके कपड़ों में कई जगह मौजूद होती है लेकिन महिलाओं के कपड़ों में ज्यादा पॉकेट को नहीं देखा जाता इसकी सबसे बड़ी वजह छोटे पास आना भी है क्योंकि समाज का यह विचार है कि महिलाओं को अपने जो भी सामान रखने के लिए छोटे पर्स का इस्तेमाल करना चाहिए।
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